PPF में निवेश करने वाले व्यक्ति को मिलता है हर तरह से कर छूट का लाभ, अभी निवेश करने के ये 5 फायदे

महंगाई के इस समय में हर किसी का खर्च बढ़ा है। ऐसे में रिटायरमेंट के बाद की वित्तीय जरूरत भी बढ़ी है। यही वजह है रिटायरमेंट के बाद के समय के लिए सेविंग की प्रवृत्ति बढ़ी है। इसकी वजह है कि रिटायरमेंट के बाद लोगों की आय कम हो जाती है या रूक जाती है। ऐसे में अगर आप शुरुआती दिनों से ही सेविंग को लेकर बुद्धिमानी भरे फैसले करें तो रिटायरमेंट के बाद आप तनावमुक्त जिंदगी जी सकते हैं। पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) लंबी अवधि के सबसे लोकप्रिय निवेश विकल्पों में से एक है। टैक्स और इंवेस्टमेंट एक्सपर्ट बलवंत जैन के मुताबिक PPF कई लिहाज से फायदेमंद निवेश विकल्प है।

आइए जानते हैं जैन के मुताबिक PPF में निवेश के पांच प्रमुख लाभ क्या-क्या हैंः

1. सेक्शन 80C के तहत कर लाभः पीपीएफ में सालाना 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर आयकर अधिनियम की धारा 80 (सी) के तहत कर छूट का लाभ मिलता है। इस वजह से भी यह स्कीम काफी अधिक लोकप्रिय है।

2. ब्याज से होने वाली इनकम पर नहीं देना होता है टैक्सः PPF में निवेश करने वाले व्यक्ति को हर तरह से कर छूट का लाभ मिलता है। इस निवेश ऑप्शन को एक्जेम्ट-एक्जेम्ट-एक्जेम्ट (EEE) का दर्जा प्राप्त है। इसका मतलब यहा है कि पब्लिक प्रोविडेंट फंड में निवेश से प्राप्त ब्याज पर आपको किसी तरह का टैक्स देने की जरूरत नहीं होगी। वहीं, अगर आप कई अन्य इंस्ट्रुमेंट को देखें तो टैक्स के भुगतान के बाद प्राप्त रिटर्न काफी कम रह जाता है। वहीं, पीपीएफ से प्राप्त रिटर्न पर आपको टैक्स नहीं देना पड़ता है।

3. उच्च ब्याज दरः पिछले कुछ समय में ब्याज दरों में बड़ी कमी देखने को मिली है। ऐसे में ऊंची ब्याज देने वाले इन्वेस्टमेंट प्लान को चुनना कठिन हो गया है। पब्लिक प्रोविडेंट फंड में निवेश पर इस समय 7.1 फीसद की दर से ब्याज मिलता है। अगर आप इस रेट की तुलना प्रमुख वाणिज्यिक बैंकों के FD रेट से करेंगे तो आप पाएंगे कि पीपीएफ में निवेश से आपको बेहतर रिटर्न मिलता है।

4. रिटायरमेंट के लिए बढ़िया प्लानः अगर आप नौकरी की शुरुआत से ही पीपीएफ में हर साल 1.50 लाख रुपये का निवेश करते हैं तो रिटायरमेंट के समय तक आपके पास एक बढ़िया फंड तैयार हो जाएगा। यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि पीपीएफ अकाउंट 15 साल में परिपक्व हो जाता है लेकिन आप आवेदन देकर अपने अकाउंट की मेच्योरिटी की अवधि को आगे बढ़ा सकते हैं। हर बार आवेदन देने पर आपके अकाउंट की परिपक्वता की अवधि में पांच साल की वृद्धि होगी।

5. लोन, आंशिक निकासी की सुविधाः पीपीएफ अकाउंटहोल्डर अकाउंट खुलने के दो साल बाद से छह साल तक की अवधि में अपने पीपीएफ खाते से लोन लेकर अपने जरूरी खर्चों को पूरा कर सकता है। वहीं, छह साल तक निवेश करने बाद आप सातवें साल से बिना किसी टैक्स के भुगतान के आंशिक निकासी कर सकते हैं।

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