कानपुर गोलीकांड: एनकाउंटर में मारे गए प्रभात मिश्रा के परिवार का दावा प्रभात नाबालिग था

कानपुर गोलीकांड के आरोपी गैंगस्टर विकास दुबे को मार गिराने से पहले उत्तर प्रदेश पुलिस ने उसके कई सहयोगियों का भी सफाया किया था. इसमें प्रभात मिश्रा भी शामिल है. एनकाउंटर में मारे गए प्रभात मिश्रा के परिवार ने अब दावा किया है कि वह नाबालिग था.

परिवार का कहना है कि उसने 29 जून को ही यूपी बोर्ड से 12वीं पास की थी और 10 दिन बाद उसको एनकाउंटर में मार गिराया जाता है. प्रभात मिश्रा की 10वीं की मार्कशीट और आधार कार्ड में उसकी जन्मतिथि 27 मई, 2004 बताई गई है. प्रभात मिश्रा का परिवार बिकरू गांव में ही विकास दुबे के घर के बगल में रहता है.

कानपुर के आईजी मोहित अग्रवाल ने कहा कि प्रभात की उम्र की कोई जानकारी नहीं थी. उन्होंने कहा कि हरियाणा पुलिस ने पुलिसकर्मियों की हत्या में इस्तेमाल पिस्टल को बरामद किया था.

प्रभात मिश्रा को 8 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था. तब ही उसके पास से ये पिस्टल बरामद हुई थी. मोहित अग्रवाल ने कहा कि तब फरीदाबाद पुलिस ने कहा था कि प्रभात मिश्रा 19 साल का था और विकास दुबे अपनी गैंग में युवाओं को ही रखता था.

यूपी पुलिस के मुताबिक, वे 9 जुलाई को प्रभात को फरीदाबाद से कानपुर ला रहे थे. इस दौरान उसने सब इंस्पेक्टर की पिस्टल छीन ली और फरार होने की कोशिश की. इस दौरान उसे मुठभेड़ में मार गिराया गया.

कानपुर गोलीकांड पर बात करते हुए प्रभात मिश्रा की मां गीता मिश्रा ने कहा कि 2 जुलाई को रात एक बजे फायरिंग की आवाज सुनकर वे सभी जाग गए थे.

प्रभात मिश्रा की मां का कहना है कि उसको पकड़ा था तो पहले घर, परिवार देखते, कोई और सजा दे देते. प्रभात के पिता राजेन्द्र मिश्रा एक प्राइवेट स्कूल में टीचर रह चुके हैं, जबकि मां गीता मिश्रा गृहणी हैं.

प्रभात उर्फ कार्तिकेय की मां ने कहा कि वह घटना के बाद भाग गया था. उसका इससे कुछ लेना-देना नहीं था. वह नाबालिग था. वह सिर्फ 16 साल 2 महीने का ही था. उसने 17 साल भी पूरे नहीं किए थे.

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