लखनऊ में अनलॉक-1 में बरती जा रही लापरवाही से आठ गुना तेजी से बढ़ी कंटेनमेंट जोन की संख्या
लॉकडाउन-4 खत्म होने के बाद एक जून से अनलॉक-1 का आगाज हो गया। इसके बाद कंटेनमेंट जोन(हॉटस्पॉट) की सूची में तेजी से इजाफा होने लगा। इसकी वजह अनलॉक-1 में बरती जा रही लापरवाही है। इसके चलते तेजी से कोरोना मरीजों की संख्या भी बढ़ी है। सरकार की ओर से यह तय किया गया कि हॉटस्पॉट की जगह एक जून से अब कंटेनमेंट जोन बनाए जाएंगे। साथ ही पूरी इलाके को सील नहीं करके सिर्फ सीमित क्षेत्र को बैरिकेड किया जाएगा। लॉकडाउन-4 खत्म होने तक कंटेनमेंट जोन की संख्या चार तक ही सीमित थी। जबकि शुक्रवार को पांच नए कंटेनमेंट जोन बनने के साथ अब यह संख्या 32 तक पहुंच चुकी है। जोकि पहले की अपेक्षा आठ गुना है।
कब बनते हैं कंटेनमेंट जोन
किसी क्षेत्र में मरीजों की संख्या तीन या उससे अधिक होने पर संबंधित बिल्डिंग या एरिया को बैरिकेड कर दिया जाता है। इसके बाद इलाके के सभी संदिग्धों की सैंपलिंग कराई जाती है। क्षेत्र में सैनिटाइजेशन भी कराया जाता है। अगले 14 से 21 दिनों तक कोई नया केस नहीं आने पर इसे कंटेनमेंट जोन की सूची से बाहर कर दिया जाता है।
शुक्रवार को बने पांच नए कंटेनमेंट जोन
सीएमओ के प्रवक्ता योगेश रघुवंशी ने बताया कि कि कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ने के चलते शुक्रवार को अजयनगर कमता, मनोहर नगर ठाकुरगंज, पार्क रोड, विराटखंड व राप्ती इंक्लेव अवध विहार समेत पांच नए कंटेनमेंट जोन बनाने का प्रस्ताव प्रशासन को दिया गया है। जबकि प्रसादी खेड़ा, तकिया आजमबेग बारूदखाना, फातिमा हॉस्पिटल, इंद्रप्रस्थ आइटी चौराहा समेत चार कंटेनमेंट जोन को हटाने की सिफारिश भी कई गई है। इस प्रकार राजधानी में अब कुल नए कंटेनमेंट जोन की संख्या 32 हो गई है।
हॉटस्पॉट व कोरोना मरीजों का तुलनात्मक ब्यौरा
31 मई तक
- कोरोना मरीज- 380
- हॉटस्पॉट -04
01 जून से 19 जून तक
- कोरोना मरीज- 704
- कंटेनमेंट जोन- 32