कोरोना के खिलाफ अभिभावकों ने सोशल मीडिया पर शुरू की नई मुहीम

अभिभावक रोजी-रोटी के लिए अपनी जान जोखिम में डालकर घर से निकलने को तो तैयार हैं, लेकिन बच्चों को स्कूल भेजने को राजी नहीं हैं। भारत, ब्रिटेन, अमेरिका, चीन से लेकर कनाडा तक इसके खिलाफ अभिभावकों ने मुहिम शुरू की है।

भारत में स्कूल जुलाई से खुलने के संकेत हैं, लेकिन अभिभावकों ने किसी राज्य में मामले शून्य होने या टीका आने तक बच्चों को स्कूल नहीं भेजने की मुहिम छेड़ दी है। पैरेंट्स एसोसिएशन के चेंज डॉट आर्ग पर शुरू ऑनलाइन हस्ताक्षर अभियान को सवा चार लाख से ज्यादा लोगों का समर्थन मिला है। अभिभावक पांच लाख हस्ताक्षरों के साथ मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक से मिलने की तैयारी कर रहे हैं।

अनुशासन पर भी सवाल: स्कूलों में जेल जैसे अनुशासन पर भी सवाल उठे। दरअसल, बच्चों को 10-10 के अलग समूह में रखा जाएगा, कक्षाओं में खाना होगा और एक-दूसरे से कुछ साझा नहीं कर सकेंगे। दो गज की सामाजिक दूरी भी जरूरी होगी।

#जून टू सून मुहिम: इंग्लैंड में स्कूल खुलने पर अभिभावकों ने सोशल मीडिया पर अभियान छेड़ दिया। ‘जून टू सून’ हैशटैग के साथ बच्चों के जूतों की तस्वीरें पोस्ट कीं। फेसबुक पर भी बहिष्कार की मुहिम तेज हो गई।

बच्चों और बूढ़ों को जब घर में रहने की सलाह दी गई है तो स्कूल खोलना वाजिब नहीं है। बच्चे अर्थव्यवस्था का हिस्सा नहीं हैं तो हम उनकी जिंदगी का खतरा क्यों मोल लें। -जोएना आर्थर, ब्रिटिश महिला

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker