जासूसी के रैकेट के खुलासे से पाकिस्तान को लगी जोरदार मिर्ची, पढ़ें पूरी खबर..
इस्लामाबाद
पाकिस्तान ने जासूसी के आरोप में नयी दिल्ली स्थित अपने उच्चायोग से दो अधिकारियों को निष्कासित किए जाने के भारत के फैसले पर कड़ी आपत्ति जताने के लिए वरिष्ठ भारतीय राजनयिक को सोमवार को तलब किया। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारतीय राजनयिक को ‘कड़ी आपत्ति’ जताने के लिए तलब किया गया है।
पाकिस्तान ने कहा कि उसने भारतीय राजनयिक को इसलिए तलब किया है कि वह यह बताना चाहता है कि नयी दिल्ली में पाक उच्चायोग के दो अधिकारियों को निषिद्ध घोषित करने की पाकिस्तान निंदा करता है।
यही नहीं उनके खिलाफ लगाए गए सभी ‘निराधार’ आरोपों को खारिज करता है। पाकिस्तान ने यह भी कहा कि भारतीय कार्रवाई कूटनीतिक संबंधों पर वियेना समझौते और कूटनीतिक नियमों का ‘स्पष्ट उल्लंघन’ है।
इससे पहले पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा था कि नयी दिल्ली में पाकिस्तान उच्चायोग के दो स्टाफ सदस्यों को भारतीय अधिकारियों ने ‘झूठे और अप्रमाणित आरोपों’ पर 31 मई को पकड़ा था।
हालांकि, इसने कहा कि उच्चायोग के हस्तक्षेप के बाद उन्हें छोड़ दिया गया। बता दें कि पाकिस्तान सीमा पर ही नहीं बल्कि भारत के भीतर भी अपने नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा है।
दो कर्मचारी भारत के खिलाफ जासूसी करते पकड़े गए
नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी हाई कमिशन के दो कर्मचारी भारत के खिलाफ जासूसी करते पकड़े गए हैं। आईएसआई के जासूस पाकिस्तानी हाई कमिशन में काम करते हुए इन्फॉर्मेशन जुटा रहे थे।
रविवार को उन्हें रंगे हाथ क्लासिफाइड डॉक्यूमेंट एक्सचेंज करते पकड़ा गया। उनकी गिरफ्तारी ने पाकिस्तान के ‘स्पाई ट्रैप’ का नक्शा सामने रख दिया है।
ISI के ये जासूस खुद को ‘कारोबारी’ बताकर डिफेंस ऑफिसर्स से मिलते। उनसे कहते कि ‘न्यूज रिपोर्टर्स’ के लिए इन्फॉर्मेशन ले रहे हैं। जानकारी हाथ लगते ही ISI तक पहुंचा दी जाती।
पाकिस्तान की प्लानिंग कश्मीर से लेकर मिलिट्री तक के सीक्रेट्स हासिल करने की है। तीनों को ISI से पूरी ट्रेनिंग मिली थी। आबिद हुसैन (42) और ताहिर खान (44) फर्जी आधार कार्ड लेकर घूम रहे थे।
वो जिस कार में घूम रहे थे, उसे जावेद हुसैन चला रहा था। ये डिफेंस के अधिकारियों को बार-बार ललचाते, बहाने से उनसे इन्फॉर्मेशन निकलवाने की कोशिश करते। इस वजह से मिलिट्री इंटेलिजेंस के रडार पर थे।