कोरोना वायरस की दूसरी लहर होगी बेहद खतरनाक
नईदिल्ली। दुनिया भर में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बावजूद डॉक्टर्स और वैज्ञानिक इसके बारे में अभी बहुत कुछ नहीं जान पा रहे हैं। ना तो अब तक इस बात की जानकारी मिल पाई है कि कोरोना वायरस का प्रभाव शरीर में कब तक रहता है और ना ही ये पता चल पाया है कि कोरोना वायरस से ठीक होने के बाद शरीर में इम्युनिटी कितने दिनों तक बनी रहती है। इसके अलावा इस पर स्टडी जारी है कि ठीक होने के बाद दोबारा संक्रमित होने का कितना खतरा होता है।
वहीं कई देशों ने अब लॉकडाउन हटाने की प्रकिया भी धीरे-धीरे शुरू कर दी है। ऐसे में इस बात की आशंका जताई जा रही है कि कोरोना वायरस की दूसरी लहर भी आ सकती है। कुछ हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि पूरी तरह से लॉकडाउन खोलना अभी जल्दबाजी होगी। वहीं कुछ लोगों की राय है कि गिरती अर्थव्यवस्था को रोकने के लिए लॉकडाउन खोलना जरूरी है।
बीमारी की ‘दूसरी लहर’ क्या है?
आम भाषा में महामारी की दूसरी लहर का मतलब घटते मामलों के बीच संक्रमितों की संख्या में अचानक बढ़ोतरी होना है। जहां अमेरिका में कोरोना वायरस के मामले बढ़ रहे हैं वहीं कई देशों में इसके मामले तेजी से घट रहे हैं।
यह महामारी की ‘पहली लहर’ के खत्म होने का संकेत हो सकता है। संक्रमण की दर फिर से बढ़ने पर यह ‘दूसरी लहर’ का संकेत होगा. WHO ने भी कोरोना की दूसरी लहर आने की चेतावनी दी है। महामारी जितनी लंबी चलेगी, उतनी ही अधिक इसकी लहरें आने की संभावना है।
छोटे रूप में आ सकती है कोरोना की दूसरी लहर
कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया को अलग-अलग समय में प्रभावित किया है. अमेरिका के ही कई राज्यों में एक साथ कोरोना के मामले नहीं आए और यहां लॉकडाउन और क्वारंटीन करने का काम भी अलग-अलग चरणों में हुआ।
कुछ हेल्थ एक्सपर्ट ने चेतावनी दी है कि लॉकडाउन को अगर पूरी योजना के साथ एक तरीके से नहीं हटाया गया और लोग एक जगह से दूसरी जगह यात्रा करते रहे तो कोरोना वायरस फिर फैल सकता है और इसकी दूसरी लहर जल्द आ सकती है।
भारत में भी यात्राओं में छूट मिलने के बाद कोरोना वायरस के मामलों में बढ़ोतरी देखी गई है। सीडीसी (Centers for Disease Control and Prevention) के एक पूर्व अधिकारी अली खान का कहना है कि कोरोना की दूसरी लहर में एक साथ कई चीजें हो सकती हैं, इसका प्रकोप कम और कुछ अजीब तरीके से हो सकता है।
कोरोना वायरस की दूसरी लहर कब आ सकती है?
स्वास्थ्य अधिकारी लॉकडाउन में ढील मिलने के बाद, संक्रमण के बढ़ते मामलों पर नजर बनाए हुए हैं, जो कोरोना वायरस की दूसरी लहर भी हो सकती है। अमेरिका के सीडीसी के निदेशक, डॉक्टर रॉबर्ट रेडफील्ड और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इनफेक्शियस डिजीज के निदेशक डॉक्टर एंथोनी फौसी समेत कई हेल्थ एक्सपर्ट का मानना है कि कोरोना वायरस की दूसरी लहर ठंड के मौसम में आ सकती है।
गर्मी के दिनों में फ्लू के मामले कम हो जाते हैं. यही वजह है कि कुछ हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि गर्मी के मौसम में कोरोना वायरस के मामले कम हो जाएंगे।
जॉन्स हॉपकिंस विश्वविद्यालय के महामारी विशेषज्ञ डॉक्टर अमेश अदलजा ने अमेरिकी न्यूज पेपर Los Angeles Times को बताया कि गर्मी के महीनों में बढ़ते तापमान और अल्ट्रावायलेट किरणों की वजह से कोरोना वायरस उतना प्रभावी नहीं रहता है।