चमगादड़ों पर रिसर्च में मिले तीन तरह के वायरस लेकिन…

चीन के वुहान शहर स्थित वायरोलॉजी इंस्टीट्यूट में चमगादड़ों में पाए जाने वाले वायरस के तीन प्रकार मिले हैं। हालांकि, इनमें से कोई भी कोरोनावायरस के वर्तमान स्ट्रेन से मेल नहीं खाता, जिससे दुनियाभर में लाखों जानें गईं। इंस्टीट्यूट की निदेशक वॉन्ग यान्यी ने ये जानकारी दी।

वैज्ञानिकों का मानना है कि कोरोना की शुरुआत वुहान से हुई है। इससे 3.40 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। ये वायरस चमगादड़ों से आया और किसी स्तनपायी जानवर के जरिए इंसानों में फैला। वहीं, वुहान इंस्टीट्यूट के निदेशक वॉन्ग यान्यी ने चीनी मीडिया सीजीटीएन से कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और अन्य लोगों का दावा पूर्ण रूप से मनगढ़ंत है ।

वॉन्ग के साथ इंटरव्यू 13 मई को रिकॉर्ड किया गया था और इसका प्रसारण शनिवार को किया गया। वॉन्ग ने कहा कि सेंटर में कुछ कोरोनावायरस की पहचान की गई है। हमारे पास जीवित वायरस के तीन स्ट्रेन हैं। लेकिन, सार्स कोव-2 से इनका मात्र 79.8% मेल हो पा रहा है

प्रोफेसर शी के पिछले शोध में, उन्होंने ऐसे वायरस पर ध्यान नहीं दिया, जो SARS वायरस के समान नहीं था। उन्होंने कहा कि ट्रम्प और अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ साजीश के तहत दो महीनों से आरोप लगा रहें कि वायरस वुहान लैब से निकला है।

उन्होंने कहा कि हमें 30 दिसंबर से पहले बिल्कुल पता नहीं था कि इस तरह के वायरस मौजूद है। उन्होंने बताया कि उनके पास 30 दिसंबर को इस वायरस के कुछ सैम्पल्स आए थे। जांच के बाद उसका जीनोम 2 जनवरी को निकाला गया था और 11 जनवरी को डब्ल्यूएचओ को इसकी जानकारी दी गई थी।

बता दें कि राष्ट्रपति ट्रम्प और अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो चीन पर दावा कर चुके हैं कि कोरोनावायरस का वुहान इंस्टीटयूट ऑफ वायरोलॉजी से कनेक्शन है। ट्रम्प ने यह भी कहा था कि उनके पास इसके सबूत हैं। कोरोना इसी लैब में तैयार किया गया है। हालांकि, उन्होंने कहा कि उन्हें इसके बारे में बताने की इजाजत नहीं है।

बता दें कि राष्ट्रपति ट्रम्प और अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो लगातार आरोप लगाते आ रहें हैं कि कोरोना वायरस चीन के वुहान लैब से निकला है।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और विदेश मंत्री माइक पोम्पियो दोनों ही चीन पर कोरोना वायरस से संबंधित जानकारियां छिपाने का आरोप लगा चुके हैं। दोनों ही लगातार इस बात को दोहरा रहे हैं कि यह वायरस चीन की एक प्रयोगशाला से ही निकला है। वहीं, इस संबंध में अधिकतर वैज्ञानिकों का मानना है कि यह वायरस जानवरों से इंसान में आया है।

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