अटल पेंशन योजना में बढ़ी महिलाओं की भागीदारी, भविष्य को लेकर हों रही है जागरूक
महिलाएं बुढ़ापे को लेकर अब ज्यादा सजग हो रही हैं। वर्तमान दौर की कामकाजी महिलाएं बुढ़ापे में होने वाले खर्च को ध्यान में रखते हुए पहले के मुकाबले अधिक बचत कर रही है। पेंशन योजना में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी इस बात का सुबूत दे रही है। वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक इस साल 20 फरवरी तक 2.15 करोड़ लोग अटल पेंशन योजना को अपना चुके थे। इनमें महिलाओं की हिस्सेदारी बढ़कर 43 फीसद हो चुकी है।
अटल पेंशन योजना की शुरुआत वर्ष 2015 में हुई थी और दिसंबर, 2016 में इस पेंशन योजना को अपनाने वाले कुल लोगों में महिलाओं की हिस्सेदारी 37 फीसद थी। वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक कई राज्यों में उनकी हिस्सेदारी पुरुषों के मुकाबले अधिक हो चुकी है।
सिक्किम में अटल पेंशन अपनाने वालों में महिलाओं की हिस्सेदारी 73 फीसद तो तमिलनाडु में यह हिस्सेदारी 56 फीसद, केरल में 56 फीसद, बिहार में 52 फीसद, झारखंड में 54 फीसद तो आंध्र प्रदेश में 55 फीसद हो चुकी है। वित्त मंत्रलय के आंकड़ों के मुताबिक इस साल 31 जनवरी तक प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के तहत क्लेम पाने वालों में महिलाओं की हिस्सेदारी 58.21 फीसद रही।
हालांकि, इस योजना के तहत पंजीकृत होने वालों में महिलाओं की हिस्सेदारी 40.70 फीसद बताई गई। वित्त मंत्रलय के मुताबिक इस साल 31 जनवरी तक प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के तहत क्लेम पाने वालों में महिलाओं की हिस्सेदारी 61.29 फीसद रही। एचडीएफसी लाइफ की एमडी एवं सीईओ विभा पाडलकर कहती हैं कि महिलाएं इंश्योरेंस को लेकर भी काफी सजग हो रही हैं।
बीमा विनियामक IRDAI की रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2017-18 में निजी तौर पर इंश्योरेंस खरीदने वालों महिलाओं की संख्या 32 फीसद थी जो वित्त वर्ष 2018-19 में बढ़कर 36 फीसद हो गई। पाडलकर के मुताबिक जीवन बीमा पॉलिसी खरीदने में पांच राज्यों की महिलाओं ने पुरुषों को पीछे छोड़ दिया है। इनमें पश्चिम बंगाल, मेघालय, मणिपुर, असम व अरुणाचल प्रदेश शामिल हैं। उन्होंने कहा कि महिलाओं को खासकर कामकाजी महिलाओं को से¨वग एवं इन्वेस्टमेंट दोनों प्रकार के फंड के लिए बचत करनी चाहिए ताकि भविष्य में वे अपने लिए बड़े फंड तैयार कर सके।