आठ सालों से निर्भया का परिवार अपनी बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए काट रहा कोर्ट के चक्कर
निर्भया केस के चारों दोषियों का गुरुवार को चौथी बार डेथ वारंट जारी हो गया है। 20 मार्च को सुबह 5.30 बजे सभी को फांसी दी जाना है। बीते लगभग 8 सालों से निर्भया का परिवार अपनी बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए कोर्ट के चक्कर काट रहा है। हर बार उम्मीद जगती है लेकिन कानूनी दांवपेंच इस उम्मीद पर पानी फेर देते हैं। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट द्वारा गुरुवार को नया डेथ वारंट जारी करने के बाद निर्भय़ा की मां आशादेवी ने उम्मीद जताई थी कि अब दोषियों के सारे कानूनी विकल्प खत्म हो गए हैं तो अब तो उन्हें फांसी होना चाहिए। पुरानी घटनाओं को याद करते हुए उनकी गला भी भर आया।
निर्भया की मां का छलका दर्द
निर्भया की मां आशादेवी ने एक टीवी इंटरव्यू में अपनी बेटी के साथ हुई दरिंदगी को याद करते हुए कहा कि उन्हें आज भी वह वक्त नहीं भूलता है जब हादसे के बाद अस्पताल में पहली बार उन्होंने अपनी बेटी को देखा था। 16 दिसंबर 2012 को बेटी ने दो-तीन घंटे में लौटने का वादा किया था लेकिन जब वह 4-5 घंटे बाद भी नहीं लौटी तो आशा देवी ने उसे कॉल किया था। जब उसने फोन नहीं उठाया तो परिजनों ने उसकी तलाश शुरू की थी।
कई घंटों बाद उन्हें सूचना मिली थी कि उनकी बेटी को सफदरजंग हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। जब परिवार के साथ आशादेवी अस्पताल पहुंची तो उन्हें देखकर निर्भया रोने लगी थी। आशा देवी बताती हैं कि उनकी बेटी खून से लथपथ थी। उस वक्त अपनी बेटी के साथ हुई दरिंदगी का अहसास भी नही था। हमें बताया गया कि 6 लोगों ने उसके साथ कुछ गलत किया है।
होश में आने के बाद मांगा था पानी
इंटरव्यू के दौरान निर्भया की मां ने बताया कि उनकी बेटी की हालात बेहद खराब थी और वह भगवान से प्रार्थना कर रहीं थी कि वह जल्द ठीक हो जाए। कुछ दिनों बाद निर्भया को होश आया और उसने सबसे पहले पानी मांगा, लेकिन वह उस हालत में नहीं थी कि पानी पी सके। आशा देवी कहती हैं ‘आज भी मैं इस पछतावे के साथ जी रहीं हूं कि मेरी बेटी 10-12 दिनों तक जिंदा रही लेकिन मैं उसे पानी की एक बूंद भी नहीं पिला सकी। उस दर्द के साथ मैं आज भी जी रही हूं।’
निर्भया के दरिंदों का चौथा डेथ वारंट जारी
निर्भया के चार दरिंदों पवन, मुकेश, विनय और अक्षय का दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने गुरुवार को चौथी बार डेथ वारंट जारी कर दिया है। इस बार 20 मार्च को सुबह 5.30 बजे दोषियों को फांसी देने का कहा गया है। इसके पहले भी तीन बार 22 जनवरी, 1 फरवरी और 03 मार्च का डेथ वारंट जारी हो चुका था लेकिन तीनों बार कोर्ट को उसे टालना पड़ा।