जिनेवा में पाकिस्तानी सेना अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद का केंद्र लिखकर लगाया गया था एक बैनर
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के 43वें सत्र के दौरान जिनेवा में ब्रोकन चेयर स्मारक के पास ‘पाकिस्तान आर्मी एपिकेंटर ऑफ इंटरनेशनल टेररिज्म'(पाकिस्तानी सेना अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद का केंद्र) लिखा एक बैनर लगाया गया था। अमेरिका समेत कई देश पाकिस्तान को आतंकियों की सुरक्षित पनाहगाह कह चुके हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी कई अंतरराष्ट्रीच मंचों से पाकिस्तान को आतंकवाद के मुद्दे पर फटकार लगा चुके हैं। भारत ने भी कई बार साफ-साफ कह दिया है कि पाकिस्तान से वार्ता तभी संभव है, जब वह आतंकियों की मदद करना बंद करे। हालांकि, पाकिस्तान अपने पर लगे आरोपों से साफ इन्कार करता है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान कहते हैं कि उनका मुल्क खुद आतंकवाद से जूझ रहा है। लेकिन यह सभी जानते हैं कि पाकिस्तान की कथनी और करनी में काफी अंतर है।
पाकिस्तान ने इसकी निंदा की है। हालांकि, यह पहला मौका नहीं है, जब विदेश में पाकिस्तान की फजीहत हुई है। इससे पहले भी कई बार अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों के दौरान ऐसा विरोध प्रदर्शन देखने को मिल चुका है। दरअसल, पाकिस्तान द्वारा अंतरराष्ट्रीय कानून और मानवाधिकार उल्लंघन के बारे में दुनिया को बताने के लिए ही इस बैनर को ब्रोकन चेयर के पास लगाया गया, ताकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यह मुद्दा उठे। इसके बाद संयुक्त राष्ट्र तत्काल प्रभाव से वैश्विक सुरक्षा के मद्देनजर इस पाकिस्तान पर लगाम लगा सके। भारत भी कई मंचों पर पाकिस्तान की करतूतों का पर्दाफाश कर चुका है।
पाकिस्तान शुरुआत से आतंकियों की पनाहगाह रहा है। वहीं, 9/11 के बाद से वैश्विक स्तर पर साबित हो गया कि पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद का केंद्र है। उत्तरी वजीरिस्तान का इलाका जो अफगानिस्तान की सीमाओं से लगा है, वो अल-कायदा और तालिबान के साथ-साथ अन्य आतंकवादी अपने नेटवर्क सहित समूहों से जुड़े स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय आतंकवादियों का एक केंद्र है। पाकिस्तान इन आतंकी समूहों के खिलाफ कड़े कदम उठाने में कोई दिलचस्पी लेता भी दिखाई नहीं देता है। हां, जब अंतरराष्ट्रीय दबाव कुछ ज्यादा होता है, तो आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करने का दिखावा जरूर किया जाता है। जैसा कि पिछले दिनों हाफिज सईद को गिरफ्तार कर किया था। हालांकि, हाफिज के वकील ने ही यह साफ कर दिया था कि पुलिस ने ऐसी धाराएं लगाई हैं, जिनसे बचना बेहद आसान है।