कांग्रेस के आरोप पर भाजपा का पलटवार, जावड़ेकर बोले- जिनके हाथ सिखों के नरसंहार से रंगे हों…!

दिल्‍ली में हुई हिंसा पर अब राजनीति शुरू हो गई है। गृहमंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग पर भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर का कहना है कि मुझे लगता है इससे हास्यास्पद मांग कोई हो नहीं सकती, क्योंकि अमित शाह तो उस दिन से स्थिति को संभालने में जुटे हुए हैं। कांग्रेस की अंतरिम अध्‍यक्ष सोनिया गांधी ने कहा था कि गृहमंत्री को हिंसा की जिम्‍मेदारी लेते हुए पद से इस्‍तीफा दे देना चाहिए। साथ ही बताना चाहिए कि वह रविवार से कहां थे और क्या कर रहे थे?

कांग्रेस के आरोपों का जवाब देते हुए प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, ‘वह(कांग्रेस पार्टी के नेता) पूछ रहे हैं, अमित शाह कहां थे? अमित शाह ने तो कल सर्वदलीय बैठक की थी। इस बैठक में उन्‍होंने दिल्‍ली में हिंसा की पूरी स्थिति का जायजा लिया था। मैं उन लोगों को बता दूं कि अमित शाह दिल्ली और जहां भी थे, वहां से जायजा लेते रहे और पुलिस का मनोबल बढ़ाते रहे। वहीं, दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी दिल्‍ली पुलिस का मनोबल तोड़ने का काम कर रही है।’

दिल्‍ली हिंसा पर राजनीति करने का आरोप लगाते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘देखिए, सरकार पर दोष लगाना गंदी राजनीति है, उन्होंने बालाकोट के अगले दिन भी इस तरह सवाल उठाए थे। सेना द्वारा किए गए सर्जिकल स्ट्राइक के बाद भी सवाल उठाए थे। वे केवल राजनीति करना चाहते हैं। हालांकि, दिल्‍ली की मौजूदा स्थिति को देखते हुए पहला काम है शांति स्थापित हो और जांच हो कि आखिर इसके पीछे कौन जिम्‍मेदार है।’

प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि हम उस स्तर पर जाना नहीं चाहते कि कौन कहां है, नहीं तो लोग कहेंगे बाबा (राहुल गांधी) कहां हैं। देखिए, जिनके हाथ सिखों के नरसंहार से रंगे हों, वे हिंसा रोकने में सफलता और असफलता की बात कर रहे हैं। उस समय तो कांग्रेस ने हिंसा का समर्थन किया था। उन्होंने कहा था, बड़ा पेड़ गिरता है तो धरती हिलती है। विज्ञान कहता है कि धरती हिलती हो तो पेड़ गिरता है।’

दिल्‍ली की मौजूदा स्थिति को देखते हुए जावड़ेकर ने सभी दलों से एक साथ मिलकर काम करने की अपील करते हुए कहा कि जब सबको इकट्ठा होना चाहिए, तब कांग्रेस ने जो राजनीति की है हम उसकी निंदा करते हैं। दरअसल, कांग्रेस का यही चरित्र है। इसलिए बार-बार नजर आ जाता है।

जावड़ेकर ने बताया कि जांच में यह सामने आएगा कि किसने लोगों को भड़काया और कैसे हिंसा भड़की। साथ ही कहा कि 24 घंटे चलने वाले चैनल को तुरंत सभी फैसले चाहिए होते हैं। हालांकि, इससे इतर सरकार और समाज जांच के आधार पर दोषियों की पहचान करती है। जांच जल्द होगी और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।

गौरतलब है कि सोनिया गांधी ने दिल्‍ली की हिंसा के लिए केंद्र सरकार को जिम्‍मेदार ठहराते हुए गृहमंत्री अमित शाह से इस्‍तीफे की मांग की है। सोनिया गांधी ने कहा कि दिल्‍ली पुलिस मूक दर्शक बनकर हिंसा को होते हुए देखती रही। आखिर, जब हिंसा हो रही थी, तब प्रधानमंत्री कहां थे? उन्‍होंने कहा कि हिंसा के पीछे एक साजिश है, देश ने दिल्ली चुनाव के दौरान भी यह देखा था। कई भाजपा नेताओं ने नफरत का माहौल बनाते हुए भड़काऊ टिप्पणियां की थीं।

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