अनिल कुंबले ने अकेले पाकिस्तान को किया था ढेर, भारतीय टीम के लिए रचा इतिहास
साल था 1999 और तारीख थी 7 फरवरी। भारत के सामने थे पाकिस्तान की उस दौर की दमदार टीम। मैदान था दिल्ली का फिरोजशाह कोटला, जिसे अब अरुण जेटली स्टेडियम के नाम से जाना जाता है। इसी मैदान पर 7 फरवरी 1999 को एक इतिहास रचा गया जब पाकिस्तान की टीम को भारत के एक ही गेंदबाज ने ढेर कर दिया था। यही वजह है कि ये आज तक भारतीय टीम के लिए इतिहास है।
दरअसल, भारतीय टीम के दिग्गज स्पिन गेंदबाज अनिल कुंबले ने आज ही के दिन पाकिस्तान के खिलाफ दिल्ली में खेले गए दूसरे टेस्ट की आखिरी पारी में पाकिस्तान के खिलाफ सभी 10 विकेट अपने नाम किए थे। 1999 में पाकिस्तान की टीम भारत दौरे पर दो टेस्ट मैचों की सीरीज खेलने के लिए आई थी। सीरीज का पहला मुकाबला चेन्नई में खेला गया था, जिसमें पाकिस्तान को 12 रन से रोमांचक जीत मिली थी। इस मैच का भी अपना एक इतिहास है।
पहला टेस्ट हार चुकी थी टीम इंडिया
भारतीय टीम को पहले टेस्ट मैच में जीतने के लिए चौथी पारी में 271 रन का लक्ष्य मिला था। भारत को शुरुआती झटके लगे थे और फिर सचिन तेंदुलकर एक और जमे रहे। सचिन ने 136 रन की पारी खेली। इसी दौरान जब भारतीय टीम का स्कोर 254 रन था और भारत को जीत के लिए सिर्फ 17 रन बनाने थे तो सचिन तेंदुलकर सकलेन मुश्ताक की गेंद पर वसीम अकरम के हाथों कैच आउट हो गे। इसके बाद भी भारत के हाथ में 3 विकेट थे और रन सिर्फ 17 बनाने थे।
इसके बाद जो हुआ वो बड़ा शर्मनाक था। सचिन के आउट होने के बाद 4 रन के भीतर-भीतर 3 विकेट गिर गए और भारतीय टीम 12 रन से जीत हुआ मैच हार गई। ऐसे में भारतीय टीम के पास सीरीज बराबर करने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। भारतीय टीम के कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन ने टॉस जीतकर बल्लेबाजी चुनी और पहली पारी में 252 रन बनाए। इसके जवाब में पाकिस्तान की टीम 172 रन पर ऑल आउट हो गई।
अनिल कुंबले भारत के लिए रचा इतिहास
पहली पारी में भारत की ओर से अनिल कुंबले ने 4 विकेट झटके। 80 रन की बढ़त के बाद भारत ने दूसरी पारी में 339 रन बनाए और पाकिस्तान के सामने 420 रन का लक्ष्य रखा। इसके जवाब में पाकिस्तान को शाहिद अफरीदी और सईद अनवर ने दमदार शुरुआत दी। दोनों ने पहले विकेट के लिए 101 रन जोड़े। पहला विकेट अनिल कुंबले को मिला। इसके बाद विकेटों को झड़ी लग गई और एक के बाद एक पाकिस्तानी बल्लेबाज पवेलियन जाते गए।
संयोग ये बना कि हर एक विकेट अनिल कुंबले को ही मिल रहा था। ऐसे में एक छोर से कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन ने अनिल कुंबले को लगाए रखा। इसी बीच इतिहास रच गया क्योंकि पाकिस्तान के सभी बल्लेबाजों को अनिल कुंबले ने अकेले आउट कर दिया। पाकिस्तान की टीम 207 रन पर ढेर हो गए और भारत ने मैच 212 रन से जीत लिया। इसी के दम पर भारत ने दो मैचों की टेस्ट सीरीज भी 1-1 से बराबर कर ली।
उस मैच में अनिल कुंबले का प्रदर्शन
लेग स्पिनर अनिल कुंबल ने पहली पारी में 24.3 ओवर गेंदबाजी की थी, जिसमें 4 ओवर मेडेन फेंके थे और 75 रन देकर 4 विकेट अपने नाम किए थे। वहीं, दूसरी पारी में अनिल कुंबल ने 26.3 ओवर गेंदबाजी की थी, जिसमें 9 ओवर मेडेन थे और 74 रन देकर पाकिस्तान के 10 बल्लेबाजों को पवेलियन भेजा था। इस तरह अनिल कुंबले ने मैच में कुल 14 विकेट अपने नाम किए थे और मैन ऑफ द मैच का खिताब अपने नाम किया था।
टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में ऐसा दूसरी बार था जब एक ही गेंदबाज ने विपक्षी टीम के सभी खिलाड़ियों को आउट किया हो। 1999 से पहले 26 जुलाई 1956 को इंग्लैंड टीम के गेंदबाज जिम लैकर ने कंगारू टीम को अकेले ऑलआउट किया था। इनके बाद अनिल कुंबले का नाम आता है और अभी तक कोई भी एशियाई गेंदबाज एक पारी में 10 विकेट नहीं चटका पाया है। किसी गेंदबाज ने 9 तो किसी ने 8 विकेट एक पारी में जरूर हासिल किए हैं।