प्रीतम खेमे के 09 नेताओं के नाम कार्यकारिणी सूची से कटे
कांग्रेस में प्रदेश कार्यकारिणी में छेड़छाड़ से उपजी रार अभी थमने वाली नहीं है। प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह और नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश इस मुद्दे पर पांच फरवरी को हाईकमान से मिलने दिल्ली जा रहे हैं। उनके साथ प्रदेश प्रभारी अनुग्रह नारायण सिंह भी होंगे। मुलाकात के दौरान हाईकमान से प्रदेश नेतृत्व द्वारा कार्यकारिणी के लिए दी गई लिस्ट में छेड़छाड़ की जांच की मांग की जाएगी। सूत्रों के अनुसार, नई लिस्ट में प्रीतम कैंप के नौ नेताओं के नाम अंतिम क्षणों में बदल दिए गए। इनमें दो उपाध्यक्ष, दो महासचिव और पांच सचिव थे। नेता प्रतिपक्ष हृदयेश ने दिल्ली कार्यक्रम की पुष्टि की। हालांकि उन्होंने विवाद पर टिप्पणी नहीं की, लेकिन यह जरूर कहा कि हाईकमान के सामने सभी बातें विस्तार से रखी जाएंगी।
31 महीने के लंबे इंतजार के बाद बीती 25 जनवरी को घोषित प्रदेश कार्यकारिणी की लिस्ट जारी होने के चंद मिनट बाद ही विवाद हो गया था। धारचूला विधायक हरीश धामी ने 98 सचिवों की लिस्ट में सबसे आखिर में अपना नाम देखकर अपने पद से इस्तीफा देने की घोषणा कर दी थी। साथ ही उन्होंने कांग्रेस छोड़ने की चेतावनी भी दे डाली थी। इस संबंध में प्रदेश प्रभारी और प्रदेश अध्यक्ष का कहना था कि उन्होंने धामी का नाम विशेष आमंत्रित सदस्य के लिए दिया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि दिल्ली में लिस्ट के साथ छेड़छाड़ की गई है। हाईकमान को सौंपी लिस्ट में प्रदेश नेतृत्व को विश्वास में लिए बिना कई बदलाव कर दिए गए। दो नेता उपाध्यक्ष और दो ही नेता महासचिव पद में जोड़े और घटाए गए हैं। सचिव श्रेणी में पांच नेताओं के नाम काटे गए हैं। जोड़े गए नाम पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत कैंप के बताए जाते हैं। जबकि जिन पर कैंची चली है, वो प्रीतम और इंदिरा कैंप से थे।
हां, मैंने धामी का नाम दिया था : हरीश रावत
कांग्रेस की प्रदेश कार्यकारिणी में छेड़छाड़ के लिए प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह कैंप के निशाने पर आए पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सोमवार को अपने मन की बात की। सोमवार को अपने आवास पर मीडिया से बातचीत में उन्होंने दोहराया कि उन्होंने हरीश धामी का नाम महासचिव पद के लिए दिया था। धामी के साथ कई और नाम भी दिए थे पर हाईकमान ने उन्हें सचिव पद पर रखा। बकौल रावत, मेरा पीसीसी से कोई मतलब नहीं है। प्रदेश कार्यकारिणी अपनी तरह से अच्छा काम कर रही है। रही बात हरीश धामी की तो वो बहुत योग्य हैं। काफी छोटी उम्र में उन्होंने कई बड़ी जीत हासिल की हैं।