29 साल के लंबे इंतजार के बाद दून के परमजीत सिंह चढ़ाएंगे ‘ दर्शनी गिलाफ ’
श्रद्धा, उत्साह और उमंग का प्रतीक दून के ऐतिहासिक झंडा जी मेले में इस बार दून निवासी परमजीत सिंह दर्शनी गिलाफ चढ़ाएंगे। सहारनपुर चौक स्थित लकड़ी कारोबारी परमजीत के पिता स्व. निरंजन सिंह ने 29 साल पहले वर्ष 1991 में दर्शनी गिलाफ की बुकिंग करवाई थी। इस बार 13 मार्च को 105 फीट ऊंचे ध्वजदंड में झंडा जी फहराए जाएंगे। झंडा जी मेले में दर्शनी गिलाफ चढ़ाने की सूचना मिलने के बाद परमजीत सिंह ने उत्साहित होकर बताया कि ऐतिहासिक झंडा जी पर दर्शनी गिलाफ चढ़ाना सौभाग्य की बात है। उन्होंने बताया कि उनका परिवार 1928 से दरबार साहिब से जुड़ा है। उनके दादा संसार सिंह ने काफी समय दरबार साहिब में अपनी सेवाएं दीं। झंडा जी मेले में करीब 20 साल पहले वह सनील का गिलाफ चढ़ा चुके हैं। उन्होंने बताया कि उनका परिवार लंबे समय से झंडे जी को तैयार करवाने में अग्रणी भूमिका निभाता आया है।
दर्शनी गिलाफ की बुकिंग वर्ष 2121 तक के लिए पूरी
दरबार साहिब प्रबंध समिति के मेला अधिकारी केसी जुयाल ने बताया झंडा जी पर हर साल एक दर्शनी गिलाफ, 21 सनील के और 41 सादे गिलाफ चढ़ाए जाते हैं। उन्होंने बताया कि झंडे जी मेले को लेकर वर्ष 2121 तक के लिए दर्शनी और 2043 तक के लिए सनील के गिलाफ की बुकिंग पूरी हो चुकी है। बताया कि अगर कोई श्रद्धालु इस साल दर्शनी गिलाफ चढ़ाने के लिए बुकिंग करवाता है तो करीब 100 साल बाद 2121 में उनका नंबर आएगा।
झंडा जी मेले का महत्व
श्री गुरु राम राय साहिब के जन्मदिवस के रूप में हर साल दरबार साहिब में झंडा मेले का आयोजन किया जाता है। दरबार साहिब प्रबंधन के अनुसार श्री गुरु राम राय जी का जन्म पंजाब के कीरतपुर (जिला होशियारपुर) में वर्ष 1646 को होली के पांचवें दिन हुआ था। वर्ष 1676 में श्री गुरु राम राय ने दून में डेरा डाला था और लोक कल्याण के लिए विशाल ध्वज स्थापित किया था। तब से हर साल होली के पांचवें दिन झंडा जी का आरोहण होता है। इसमें अन्य राज्यों से श्रद्धालु पहुंचकर झंडा जी का आशीर्वाद लेते हैं।