नई सियासी पारी शुरू कर सकते हैं नवजोत सिद्धू, SAD से अलग हुए टकसालियों ने दिया ऑफर

पंजाब के पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू नई पारी शुरू कर सकते हैं। सिद्धू को लेकर कयासबाजी शिरोमणि अकाली दल से टूटे नेताओं द्वारा बनाए गए शिरोमणि अकाली दल टकसाली ने ऑफर से शुरू हुई है। शिअद टकसाली ने अकालियों के धुर विरोधी नवजोत सिंह सिद्धू से अपनी पार्टी का नेतृत्‍व करने की अपील की है। शिअद टकसाली ने कहा है कि सिद्धू हमारा नेतृत्‍व करें, हम उन्‍हें मुख्‍यमंत्री पद का उम्‍मीदवार बनाएंगे। इस पर चुटकी लेते हुए सुखबीर सिंह बादल की पार्टी शिअद ने कहा कि टकसालियों को अपना नाम ‘ठोको ताली दल’ रख लेना चाहिए।

सिद्धू को ऑफर पर सुखबीर बादल की पार्टी शिअद का तंज, टकसालियों को सुझाया नया नाम- ‘ठोको ताली दल’

शिअद टकसाली के नेता रणजीत सिंह ब्रह्मपुरा के बाद अब पूर्व मंत्री व महासचिव सेवा सिंह सेखवां ने भी कहा है कि सिख संस्थाओं को बादलों से आजाद करवाना हमारा मुख्य मकसद है। ऐसे में नवजोत सिंह सिद्धू जैसे नेता को पार्टी में लाने और उनकी अगुआई से हमें खुशी होगी। वह पंजाब परस्त हैं। सिद्धू को शिअद टकसाली में लाने और उनको पार्टी का नेतृत्‍व सौंपने की मांग रणजीत सिंह ब्रह्मपुरा ने दो दिन पहले दिल्ली में सफर-ए-अकाली कार्यक्रम के दौरान की थी।

शिअद टकसाली ने अकालियों के धुर विरोधी सिद्धू से लगाई उम्मीद, कहा- हां करें तो बनाएंगे सीएम उम्मीदवार

दिलचस्प बात यह है कि एक ओर टकसाली नेता अकाली परंपराओं को पुनर्जीवित करने की बात कर रहे हैं और दूसरी ओर सिद्धू जैसे नेता को अपनी पार्टी की अगुआई का न्योता दे रहे हैं, जिनका अकाली परंपराओं से दूर-दूर तक नाता नहीं है। सेवा सिंह सेखवां ने कहा कि नवजोत सिंह सिद्धू से संपर्क के लिए पूर्व सांसद रतन सिंह अजनाला की ड्यूटी लगाई गई है। अगर वह इसके लिए तैयार हो जाते हैं, तो उन्हें मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया जा सकता है।

शिअद बोला- खुद नेतृत्व करने में अक्षम हैं टकसाली

शिरोमणि अकाली दल के सीनियर उपप्रधान डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने शिअद टकसाली की इस मांग को हास्यास्पद बताया है। उन्होंने कहा कि टकसाली नेताओं को अपनी पार्टी का नाम बदलकर ठोको ताली दल रख लेना चाहिए। ब्रह्मपुरा के बयान से साफ है कि वे खुद पार्टी का नेतृत्व करने में अक्षम हैं, और उनकी पार्टी में लीडरशिप का संकट है। उन्होंने कहा कि जिस नेता को कांग्रेस घर बैठाने पर मजबूर है, उससे टकसालियों ने उम्मीद लगा रखी है।

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