फैमिली ट्रिप के लिए बेहतरीन हैं ये सफारी डेस्टिनेशन, बच्चों के साथ बड़े भी कर सकेंगे एन्जॉय

अगर आप प्रकृतिप्रेमी हैं तो निश्चित रूप से पशुओं की सवारी भी आपको पसंद होगी और खास सफर के लिए यांत्रिक वाहनों की तुलना में घोड़े, हाथी या ऊंट को तरजीह देना आप पसंद करेंगे ही। वैसे सफारी का इस्तेमाल आमतौर पर प्रकृति के दर्शन यानी झीलों, जंगलों या दुर्गम पहाड़ी रास्तों के लिए ही किया जाता है। भारत में इनका सबसे ज्यादा इस्तेमाल वन्य जीव अभ्यारण्यों के लिए होता है। यहां इसका एक और इस्तेमाल रेगिस्तान घूमने के लिए भी किया जाता है। वाइल्ड लाइफ सेंक्चुरीज में जहां घोड़े और हाथियों का इस्तेमाल होता है, वहीं रेगिस्तान में सिर्फ ऊंट काम आता है।

कैमल सफारी

भारत में कैमल सफारी के लिए एकमात्र उपयुक्त जगह राजस्थान है। यहां यूरोप और अमेरिका से बड़ी संख्या में लोग ऊंट की सवारी का आनंद लेने आते हैं। इस तरह आप रेगिस्तान के पर्यावरण और जन जीवन को करीब से देख और महसूस कर सकते हैं। राजस्थान में जैसलमेर से जोधपुर, जैसलमेर से बीकानेर और जोधपुर से बीकानेर के बीच कैमल सफारी बहुत ही लोकप्रिय है।

हॉर्स सफारी

अगर आप तेज चाल के शौकीन हैं तो घुड़सवारी से बेहतर और क्या हो सकता है। दुनियाभर में हमेशा से घोड़े को शान की सवारी समझा जाता रहा है और आज भी समझा जाता है। भारत में कर्नाटक के श्रीरंगपत्तन से रामपुर, रंगनथिट्टू और बेलगोला होते हुए बालमुड़ी फॉल्स तक की यात्रा इसलिए लोकप्रिय है। यहां हॉर्स सफारी के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं। इसके अलावा मैसूर से ललितादिर और उत्तनहल्ली जाने के लिए भी घुड़सवारी का आनंद लिया जा सकता है।

एलीफैंट सफारी

हाथी से ज्यादा आरामदेह सवारी दुनियाभर में शायद ही कोई दूसरी हो। शायद इसलिए इसे राजसी सवारी कहते हैं। पूरे इत्मीनान के साथ मस्ती में चलते हुए हाथी जब आपको पीठ पर बैठाए हुए चलता है, तो आप परिवेश की एक-एक चीज़ को देखते हुए शिद्दत से इसे महसूस कर सकते हैं। इसका सबसे ज्यादा इस्तेमाल वन्य जीव अभयारण्य में ही किया जाता है। हिमालय की श्रृंखलाओं में उत्तराखंड का जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क और असम काजीरंगा इसके लिए मशहूर हैं। दक्षिण में केरल का पेरियार सेंक्चुअरी में भी इसका खूब इस्तेमाल किया जाता है

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker