बच्चों की मौत पर गहलोत बोले, सरकार संवेदनशील, ना हो राजनीति

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वीरवार को कहा है कि कोटा के जेके लोन अस्पताल में बीमार शिशुओं की मौक पर सरकार संवेदनशील है। इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। सीएम ने ट्वीट में लिखा है कि कोटा के इस अस्पताल में शिशुओं की मृत्यु दर लगातार कम हो रही है। हम आगे इसे और भी कम करने के लिए प्रयास करेंगे। मां और बच्चे स्वस्थ रहें यह हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। गौरतलब है कि कोटा के अस्पताल में गत वर्ष दिसंबर में करीब सौ बच्चों की मौत हो चुकी है।

उनके मुताबिक, राजस्थान में सर्वप्रथम बच्चों के आइसीयू की स्थापना हमारी सरकार ने 2003 में की थी। कोटा में भी बच्चों के आइसीयू की स्थापना हमने 2011 में की थी।

गहलोत ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं में और सुधार के लिए भारत सरकार के विशेषज्ञ दल का भी स्वागत है। हम उनसे विचार विमर्श और सहयोग से प्रदेश में चिकित्सा सेवाओं में इंप्रूवमेंट के लिए तैयार हैं। निरोग राजस्थान हमारी प्राथमिकता है।

सोनिया गांधी से मिलने पहुंचे राजस्थान के कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडे

इस बीच, राजस्थान के कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडे कोटा के जेके लोन अस्पताल में शिशुओं की मौत के बाद कांग्रेस के अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने 10 जनपथ पहुंचे। इस दौरान कई मुद्दों पर चर्चा की गई। सोनिया कोटा मुद्दे (शिशु मृत्यु) के बारे में बहुत गंभीर है, सीएम (राजस्थान) ने उन्हें एक विस्तृत रिपोर्ट भेजी है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने सीएम को लिखा पत्र

कोटा के अस्पताल में बच्चों की मौत पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि मैंने राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत को पत्र लिखकर उनसे इस मामले को देखने का अनुरोध किया है। हमने अपनी तरफ से हर तरह के सहयोग का आश्वासन दिया है। पिछले कुछ वर्षों की तुलना में इस बार मौतों की संख्या निश्चित रूप से अधिक है।

कोटा के जेके लोन अस्पताल में सुविधा बढ़ाने में जुटा प्रशासन
जस्थान में कोटा के जेके लोन अस्पताल में बच्चों की मौत का सिलसिला जारी है। दिसंबर में 99 बच्चों की मौत होने की बात सामने आई है। इनमें 30 और 31 दिसंबर को 10 बच्चों की मौत होना शामिल है। हालांकि अस्पताल प्रशासन ने अब तक 91 बच्चों की मौत होने ही अधिकारिक रूप से स्वीकारी है, लेकिन अनौपचारिक रूप से चिकित्सकों ने 99 बच्चों की मौत होने की बात कही है। अस्पताल अधीक्षक संजय दुलारा ने कहा कि 24 दिसंबर तक 77 और 25 से 30 दिसंबर के बीच 14 बच्चों की मौत हुई। 99 बच्चों की मौत के बारे में जब उनसे पूछा गया तो उन्होंने कुछ भी कहने से इन्कार कर दिया। कोटा में बच्चों की मौत के मामले को लेकर कोटा से लेकर जयपुर-दिल्ली तक बवाल मचा हुआ है।

अस्पताल के शिशु रोग विभाग की इकाइयों का पुनर्गठन

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने बच्चों की मौत के मामले में सवाल उठाते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखा है। भाजपा की महिला सांसदों की टीम मंगलवार को ही अस्पताल का दौरा कर दिल्ली लौटी है। उधर, बच्चों की मौत के बाद हरकत में आए प्रशासन ने कोटा जेकेलोन अस्पताल के शिशु रोग विभाग की इकाइयों का पुनर्गठन किया है। इसके साथ ही सेंट्रल ऑक्सीजन सप्लाई लाइन के आदेश जारी किए गए हैं। यह काम 15 दिन में पूरा किया जाएगा। नया इमजेंसी वार्ड बनाने का भी निर्णय लिया गया है।

अलवर के अस्पताल में झुलसी बच्ची की मौत

अलवर के राजकीय गीतानंद शिशु अस्पताल में एफबीएनसी वार्ड (फैसिलिटी बेस्ड न्यूबोर्न केयर) में शॉर्ट सर्किट से लगी आगा में झुलसी बच्ची की बुधवार सुबह इलाज के दौरान मौत हो गई। आग के कारण बच्ची 70 फीसदी झुलस गई थी। वॉर्म मशीन के कुछ हिस्से भी बच्ची के शरीर पर चिपक गए थे। बच्ची इलाज के लिए जयपुर के जेकेलोन अस्पताल में भर्ती करवाया गया। यहां इलाज के दौरान बुधवार सुबह बच्ची की मौत हो गई। मृतक बच्ची 21 दिन पहले ही पैदा हुई थी। सांस में दिक्कत होने के कारण उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बच्ची को वॉर्म मशीन में रखा गया था। मंगलवार सुबह पांच बजे अचानक शॉर्ट सर्किट से वार्ड में आग लग गई, जिससे वॉर्म मशीन में रखी गई बच्ची झुलस गई थी। बच्ची को गंभीर हालत में जयपुर के जेकेलोन अस्पताल में रेफिर किया गया था।

चिकित्सा मंत्री बोले, दोनों घटना दुखद, जिम्मेदारों पर कार्रवाई होगी

चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने बुधवार को कहा कि कोटा और उसके बाद अलवर में बच्ची के झुलसने की घटना दुखद है। अलवर की घटना की जांच के लिए तीन सदस्यीय जांच समिति गठित की है। इस समिति में संयुक्त निदेशक सुरेश भंडारी, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ओपी मीणा और चिकित्सा अधिकारी सुनील चौहान शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इन घटनाओं के लिए जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।

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