मध्य प्रदेश के  25 शहरों में पारा 10 डिग्री से नीचे,कई जिलों में घना कोहरा

मध्य प्रदेश के उत्तरी हिस्से में सर्दी ने जबरदस्त पकड़ बना ली है। ग्वालियर, चंबल, रीवा, सागर रोड और जबलपुर संभाग के कई जिलों में शुक्रवार सुबह भी घना कोहरा छाया रहा। हालात ऐसे रहे कि कई इलाकों में विजिबिलिटी 200 से 500 मीटर तक सिमट गई। सड़कों पर चलने वाले वाहन दिन में भी हेडलाइट जलाने को मजबूर रहे। मौसम विभाग ने संकेत दिए हैं कि ठंड से राहत फिलहाल नहीं मिलने वाली। 27 दिसंबर को पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में नया पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होगा, जिसका असर 2 से 3 दिन के भीतर मध्य प्रदेश में दिखाई देगा। इसका मतलब है कि नए साल की शुरुआत कड़ाके की ठंड और सर्द हवाओं के साथ होगी।

पचमढ़ी में तापमान 4 डिग्री से नीचे, कई शहरों में छाया घना कोहरा
बुधवार-गुरुवार की रात प्रदेश में लगातार दूसरे दिन तापमान 4 डिग्री से नीचे दर्ज किया गया। प्रदेश के एकमात्र हिल स्टेशन पचमढ़ी में न्यूनतम तापमान 3.6 डिग्री तक पहुंच गया। वहीं खजुराहो, नौगांव, मंडला, रीवा, सतना, भोपाल, दतिया, गुना, ग्वालियर, इंदौर, उज्जैन, रतलाम और दमोह जैसे शहरों में घना कोहरा देखने को मिला।

कोहरे की मार,ट्रेनों की रफ्तार थमी
कोहरे का सबसे ज्यादा असर रेल यातायात पर पड़ रहा है। दिल्ली से भोपाल, उज्जैन और इंदौर आने वाली एक दर्जन से ज्यादा ट्रेनें 5 से 8 घंटे तक देरी से चल रही हैं। मालवा एक्सप्रेस, शताब्दी एक्सप्रेस और सचखंड एक्सप्रेस जैसी प्रमुख ट्रेनें भी लेट हैं। शुक्रवार को भी हालात सामान्य होने के आसार कम हैं।

25 शहरों में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री से नीचे
प्रदेश के 25 से अधिक शहरों में रात का तापमान 10 डिग्री से नीचे बना हुआ है। ग्वालियर में पारा 7 डिग्री, इंदौर में 7.5 डिग्री, भोपाल में 8.4 डिग्री और जबलपुर में 10 डिग्री दर्ज किया गया। राजगढ़ (5 डिग्री), रीवा (5.4), शाजापुर (5.5), शिवपुरी (6) और नौगांव (6.4) जैसे इलाके सबसे ज्यादा ठंडे रहे।रात के साथ-साथ दिन के तापमान में भी गिरावट दर्ज की जा रही है। भोपाल में दिन का अधिकतम तापमान 23.7 डिग्री, ग्वालियर में 24.1, जबलपुर में 25.4 और इंदौर में 26 डिग्री रहा।बालाघाट का मलाजखंड दिन में भी सबसे ठंडा रहा, जहां अधिकतम तापमान सिर्फ 21.2 डिग्री दर्ज किया गया।

जेट स्ट्रीम और पश्चिमी विक्षोभ से बढ़ी ठंड
मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक, इस बार ठंड के पीछे जेट स्ट्रीम की बड़ी भूमिका है। यह हवा जमीन से करीब 12 किलोमीटर की ऊंचाई पर 260 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से बह रही है। पहाड़ों से आ रही बर्फीली हवाओं के साथ मिलकर यह ठंड को और तीखा बना रही है। जैसे ही पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होगा, सर्द हवाओं का असर और तेज हो सकता है। इस साल नवंबर और दिसंबर में ठंड ने पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। भोपाल में नवंबर के महीने में लगातार 15 दिन शीतलहर चली, जो 1931 के बाद सबसे लंबा दौर माना जा रहा है। 17 नवंबर की रात तापमान 5.2 डिग्री तक गिर गया था। इंदौर में भी 25 साल बाद इतनी सर्द रात दर्ज की गई।

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