अमेरिकी बीमा कंपनियों ने अदाणी समूह की कंपनियों में किया भारी निवेश

अदाणी समूह की कंपनियों में भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) का निवेश इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है। अमेरिकी अखबार वॉशिंगटन पोस्ट ने अपनी एक रिपोर्ट में ये खुलासा किया, जिस पर विवाद हुआ। हालांकि आंकड़ों से खुलासा हुआ है कि एलआईसी नहीं बल्कि अमेरिकी बीमा कंपनियां ने अदाणी समूह की कंपनियों में खूब निवेश किया है।
आंकड़ो से सामने आई जानकारी
आंकड़ों से खुलासा हुआ है कि जून, 2025 में, अदाणी पोर्ट्स एंड एसईजेड में भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) द्वारा 57 करोड़ अमेरिकी डॉलर (5,000 करोड़ रुपये) के निवेश के एक महीने बाद, अमेरिका स्थित एथेन इंश्योरेंस ने अदाणी के मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे में 6,650 करोड़ रुपये (75 करोड़ डॉलर) का निवेश किया। एथेन की पैरेंट कंपनी अपोलो ग्लोबल मैनेजमेंट की जून 2023 की स्टेटमेंट के अनुसार, कंपनी के प्रबंधित फंड्स और अन्य सहयोगी निवेशकों ने भी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (MAIL) में करीब 75 करोड़ अमेरिकी डॉलर का निवेश किया।
कई वैश्विक कर्जदाताओं जैसे डीबीएस बैंक, डीजेड बैंक, रोबोबैंक, बैंक सिनोपैक कंपनी लिमिटेड ने भी अदाणी समूह की अदाणी एनर्जी लिमिटेड में करीब 25 करोड़ डॉलर का निवेश किया है। एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स की अगस्त की एक रिपोर्ट के अनुसार, समूह ने वर्ष की पहली छमाही में बंदरगाह इकाई (एपीएसईजेड), नवीकरणीय ऊर्जा इकाई (एजीईएल), प्रमुख कंपनी (अदाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड) और बिजली पारेषण इकाई (अदाणी एनर्जी सॉल्यूशंस लिमिटेड) में कुल मिलाकर 10 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक की नई ऋण सुविधाओं पर हस्ताक्षर किए।
अमेरिकी अखबार की रिपोर्ट से हुआ हंगामा
गौरतलब है कि वॉशिंगटन पोस्ट ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया कि सरकारी अधिकारियों ने एलआईसी के निवेश को प्रभावित किया और अदाणी समूह की कंपनियों में निवेश कराया। शनिवार को एलआईसी ने बयान जारी कर वॉशिंगटन पोस्ट में किए गए दावे को फर्जी, आधारहीन और सच्चाई से परे बताया। एलआईसी ने कहा कि अदाणी समूह की कंपनियों में निवेश का फैसला स्वतंत्र तौर पर लिया गया और बोर्ड की नीतियों के तहत ही इसकी मंजूरी दी थी।
भारत की सबसे बड़ी बीमा कंपनी ने पिछले कुछ वर्षों में जांच-पड़ताल के आधार पर विभिन्न कंपनियों में निवेश के फैसले लिए गए हैं। भारत की शीर्ष 500 कंपनियों में इसका निवेश मूल्य 2014 से 10 गुना बढ़कर 1.56 लाख करोड़ रुपये से 15.6 लाख करोड़ रुपये हो गया है। अदाणी समूह में इसका निवेश समूह के कुल 2.6 लाख रुपये के कर्ज के दो प्रतिशत से भी कम है। इसके अलावा, अदाणी समूह एलआईसी की सबसे बड़ी होल्डिंग नहीं है, बल्कि रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड, आईटीसी और टाटा समूह हैं।
एलआईसी ने बताया कि उसके पास अदाणी के चार प्रतिशत (60,000 करोड़ रुपये मूल्य के) शेयर हैं, जबकि रिलायंस में 6.94 प्रतिशत (1.33 लाख करोड़ रुपये), आईटीसी लिमिटेड में 15.86 प्रतिशत (82,800 करोड़ रुपये), एचडीएफसी बैंक में 4.89 प्रतिशत (64,725 करोड़ रुपये) और एसबीआई में 9.59 प्रतिशत (79,361 करोड़ रुपये) शेयर हैं। एलआईसी के पास टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) में 5.02 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जिसका मूल्य 5.7 लाख करोड़ रुपये है।





