पैरों में नजर आता है दिल की बीमारी का एक अहम संकेत, अनदेखा करने से बढ़ जाएगा हार्ट अटैक का रिस्क

क्या आप जानते हैं दिल की बीमारियों का एक संकेत पैरों (Heart Disease Warning in Legs) में भी नजर आता है? जी हां अगर आपके पैरों में अक्सर दर्द रहता है खासकर चलते वक्त तो यह हार्ट डिजीज का लक्षण हो सकता है। आइए जानें पैरों का दर्द दिल की बीमारी का लक्षण हो सकता है और इसके अलावा किन संकेतों पर ध्यान देना चाहिए।
हम अक्सर पैरों में दर्द या ऐंठन को थकान, मांसपेशियों में खिंचाव या उम्र बढ़ने का सामान्य लक्षण मानकर नजरअंदाज कर देते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह मामूली समस्या आपके दिल की सेहत के बारे में एक गंभीर चेतावनी हो सकती है?
जी हां, पैरों का दर्द, खासकर चलने-फिरने के दौरान होने वाला दर्द, दिल की बीमारियों का एक अहम संकेत हो सकता है। इसके पीछे की वजह है पेरिफेरल आर्टरी डिजीज (PAD)। आइए जानें कैसे पैरों का दर्द (Heart Disease Sign in Legs) से जुड़ा हो सकता है।
PAD और हार्ट डिजीज का क्या है कनेक्शन?
PAD एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर के अंगों, जैसे पैरों, तक खून पहुंचाने वाली आर्टरीज संकरी या ब्लॉक हो जाती हैं। यह ब्लॉकेज ज्यादातर कोलेस्ट्रॉल जमा होने या आर्टरीज के सख्त होने के कारण होता है। PAD सिर्फ पैरों की बीमारी नहीं है; यह पूरे शरीर की वैस्कुलर सिस्टम की समस्या का संकेत है।
अगर आपके पैरों की आर्टरीज में प्लाक जमा हो रहा है, तो यह बहुत संभावना है कि आपके दिल और दिमाग की आर्टरीज भी संकरी हो रही होंगी। इसलिए, PAD से पीड़ित लोगों में हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।
PAD के लक्षण कैसे होते हैं?
इंटरमिटेंट क्लॉडिकेशन– यह PAD का सबसे मुख्य लक्षण है। इसमें चलने, सीढ़ियां चढ़ने या कोई शारीरिक एक्टिविटी करने पर पैर की मांसपेशियों खासकर पिंडलियों में ऐंठन, भारीपन, थकान या तेज दर्द होता है। थोड़ा आराम करने पर यह दर्द ठीक हो जाता है, लेकिन फिर से चलने पर वापस आ जाता है।
आराम के दौरान दर्द– बीमारी के बढ़ने पर पैरों में दर्द आराम करते समय भी होने लगता है, खासकर लेटने पर। यह दर्द इतना तेज हो सकता है कि नींद खुल जाए।
पैरों में ठंडापन या सुन्नता– प्रभावित पैर या पैर की उंगलियां दूसरे पैर के मुकाबले ठंडी महसूस हो सकती हैं। सुन्नता या कमजोरी भी हो सकती है।
त्वचा और बालों में बदलाव- प्रभावित पैर की त्वचा चमकदार, पतली या नाजुक हो सकती है। पैरों पर बालों का झड़ना भी एक लक्षण है।
घाव भरने में देरी– पैरों या पैर की उंगलियों पर होने वाले छोटे-मोटे घाव, कट या छाले भरने में सामान्य से ज्यादा समय लगता है।
त्वचा का रंग बदलना- पैरों का रंग नीला या पीला पड़ सकता है। पैर को लटकाने पर यह लाल हो सकता है।
क्या है बचाव और इलाज?
सबसे पहले तो लक्षणों को नजरअंदाज न करें। अगर आपको ऊपर बताए गए कोई भी लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। इसके अलावा लाइफस्टाइल में बदलाव, जैसे- हेल्दी डाइट, एक्सरसाइज, 7-8 घंटे की नींद और स्ट्रेस मैनेजमेंट काफी जरूरी है। अगर आपको डायबिटीज या हाई ब्लड प्रेशर की समस्या है, तो उन्हें भी कंट्रोल करने की कोशिश करें।