दिल्ली विधानसभा की 11 समितियां गठित, अध्यक्ष ने कहा- सभी दलों का प्रतिनिधित्व, मजबूत होगा लोकतंत्र

विजेंद्र गुप्ता ने बताया कि इन समितियों में सभी राजनीतिक दलों को समुचित प्रतिनिधित्व देकर लोकतंत्र की सहभागिता और समावेशिता को सशक्त किया गया है।

विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने वर्ष 2025–26 के लिए विधानसभा की 11 नई समितियों का गठन किया। इनमें महिला एवं बाल कल्याण, अल्पसंख्यक कल्याण, छात्र एवं युवा कल्याण, अनुसूचित जाति/जनजाति कल्याण, अन्य पिछड़ा वर्ग कल्याण, पर्यावरण, आचरण समिति और अनधिकृत कॉलोनियों से संबंधित विषयों पर समितियां शामिल हैं। साथ ही, विशेषाधिकार समिति, पटल पर प्रस्तुत पत्रों की समिति और प्रतिनिधि विधान समिति का भी गठन किया गया है।

विजेंद्र गुप्ता ने बताया कि इन समितियों में सभी राजनीतिक दलों को समुचित प्रतिनिधित्व देकर लोकतंत्र की सहभागिता और समावेशिता को सशक्त किया गया है। उन्होंने विश्वास जताया कि ये समितियां न केवल विधायी कार्य प्रणाली को मजबूती देंगी, बल्कि दिल्लीवासियों के हित में नीतिगत सुझाव और निगरानी का कार्य भी करेंगी। चरणबद्ध तरीके से अब तक कुल 29 समितियों का गठन हो चुका है। पहले चरण में 11, फिर 7 और अब 11 समितियां गठित हुई हैं। शेष छह समितियों का गठन भी शीघ्र किया जाएगा।

इन समितियों में जहां महिला एवं बाल कल्याण समिति की अध्यक्षता पूनम शर्मा करेंगी। वहीं, छात्र एवं युवा कल्याण समिति की जिम्मेदारी अहिर दीपक चौधरी को सौंपी गई है। विशेषाधिकार समिति का नेतृत्व प्रद्युम्न सिंह राजपूत और अनुसूचित जाति/जनजाति कल्याण समिति का दायित्व कैलाश गंगवाल को दिया गया है। प्रतिनिधि विधान समिति के अध्यक्ष संजीव झा, पटल पर प्रस्तुत पत्रों की समिति के अध्यक्ष गोपाल राय, पर्यावरण समिति के अध्यक्ष अनिल कुमार शर्मा, आचरण समिति के अध्यक्ष श्याम शर्मा, अल्पसंख्यक कल्याण समिति के अध्यक्ष तरविंदर सिंह मरवाह, अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) कल्याण समिति के अध्यक्ष राज करण खत्री और अनधिकृत कॉलोनियों से संबंधित विषयों पर समिति के अध्यक्ष कुलदीप सोलंकी बनाए गए हैं।

समितियों की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि बैठकें सीमित समय की होती हैं, लेकिन शासन की पारदर्शिता, जवाबदेही और योजनाओं की समीक्षा सुनिश्चित करने के लिए समितियों की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है। शासन की जटिलताओं के बीच यह समितियां सरकार के कार्यों की सतत निगरानी करेंगी और सुझाव भी देंगी। इन समितियों के गठन से न केवल विधान प्रक्रिया और सशक्त होगी, बल्कि सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन पर भी ठोस निगरानी रखी जा सकेगी। विधानसभा सचिवालय जल्द ही सभी समितियों की बैठकें शुरू करेगा।

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