अयोध्या: रामलला दर्शन को निकले हनुमान गढ़ी के गद्दीनशीन महंत प्रेमदास

अयोध्या में चली आ रही परंपरा के अनुसार हनुमान जी के प्रतिनिधि के रूप में हनुमानगढ़ी के गद्दी नशीन महंत प्रेमदास रामलला के दर्शन के लिए निकले।

रामलला के चरणों में अपनी श्रद्धा निवेदित करने के लिए हनुमान जी के प्रतिनिधि के रूप में हनुमानगढ़ी के गद्दी नशीन महंत प्रेमदास राजसी अंदाज में निकले हैं। उनके साथ हजारों की संख्या में साधु संत शामिल है। भव्य रथ पर सवार होकर प्रेमदास सुबह 7:50 पर हनुमानगढ़ी के मुख्य द्वार से सरयू तट की और रवाना हुए हैं। हाथी घोड़े बैंड बाजे के साथ निकली शोभायात्रा पर जगह-जगह पुष्प वर्षा की जा रही है। हनुमानगढ़ी पर व्यापारियों और नगर विधायक वेद प्रकाश गुप्ता के नेतृत्व में अभिनंदन किया गया। 40 से अधिक स्थानों पर शोभा यात्रा पर पुष्प वर्षा की जाएगी। गद्दी नशीन सरयू तट पर पूजा अर्चन करने के बाद राम मंदिर के लिए प्रस्थान करेंगे।

आज से राम मंदिर की परिक्रमा की शुरुआत
गद्दीनशीन रामलला को 4 थाल में 56 तरह के व्यंजनों का भोग प्रसाद अर्पित करेंगे। छप्पन भोग में हलवा पूरी और पकौड़ी हनुमानगढ़ी के भंडार गृह में शुद्ध देसी घी से बनाया जाएगा। ड्राई फ्रूट और अन्य मिठाइयां बाहर बनवाई जा रही हैं। रामलला के सामने सनातन धर्म के कल्याण के लिए रामरक्षा स्त्रोत का पाठ करेंगे। गद्दीनशीन राम मंदिर के परकोटे की परिक्रमा करके आज इसकी शुरुआत करेंगे। इसके बाद परकोटा अब भक्तों की परिक्रमा के लिए भी खोल दिया जाएगा।

हनुमानगढ़ी का एक संविधान है कि गद्दीनशीन यानी मुख्य पुजारी 52 बीघा में फैले मंदिर परिसर से बाहर नहीं जा सकते। अगर निकलना है तो हनुमान गढ़ी की परंपरा के तहत निकलेंगे। पहली बार धार्मिक यात्रा पर इसलिए निकल रहे कि सपने में हनुमान जी आए। उन्होंने रामलला का दर्शन करने का आदेश दिया। इसके बाद अखाड़े के सभी सदस्यों की 21 अप्रैल को बैठक बुलाई गई थी।

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker