मार्च की विदाई का काउंटडाउन, पारा 34 डिग्री तक पहुंचा, अगले पांच दिन मौसम लेगा उग्र रूप

मार्च की विदाई के काउंटडाउन के बीच सूर्य ने तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। तराई-भाबर क्षेत्र के पारे में लगातार तपिश के साथ परेशानी भी बढ़ रही है।
मौसम के गर्म होते मिजाज के बीच बुधवार को नैनीताल जिले के मैदानी हिस्सों में दिन का तापमान 34.0 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है। जबकि, न्यूनतम पारा 12.6 डिग्री सेल्सियस होने से रात के समय थोड़ी राहत महसूस की जा रही है।
पारे में करीब 12 डिग्री का अंतर
मौसम विज्ञान केंद्र के रिकार्ड के अनुसार मंगलवार की तुलना में बुधवार को हल्द्वानी सहित जिले के मैदानी क्षेत्रों में दिन का तापमान करीब 2.5 डिग्री तक बढ़ा है। धिकतम तापमान 34.0 डिग्री पहुंचने की वजह से दिनभर काफी तपिश रही। गर्मी बढ़ने का प्रभाव सड़कों पर भी दिखाई दिया और दोपहर में लोगों भीड़ कम नजर आई। वहीं, शाम को पारे में करीब 12 डिग्री का अंतर रहा।
इधर, मौसम विज्ञान केंद्र देहरादून की ओर से अगले पांच दिनों का पूर्वानुमान जारी किया गया है। इसमें मैदानी क्षेत्रों में आगामी दिनों में मौसम साफ रह सकता है। ऐसे में तापमान 35 डिग्री सेल्सियस के पार जाने की संभावना जताई गई है। ऐसे में मार्च की विदाई गर्मी के साथ होने के साथ ही अप्रैल का आगमन भी तपिश के संग होने का अनुमान है।
हिमस्खलन का मात्र तीन सेकेंड में चल सकेगा पता
देहरादून: भारत में पहली बार उत्तरी सिक्किम में हिमस्खलन निगरानी राडार स्थापित किया गया है। इस प्रणाली से हिमस्खलन का मात्र तीन सेकेंड में पता लगाया जा सकता है।बुधवार को लोकसभा में पूर्व मुख्यमंत्री व सांसद हरिद्वार त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा उठाए गए सवाल पर गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने लिखित जवाब में यह जानकारी दी।
सांसद हरिद्वार त्रिवेंद्र सिंह रावत ने यह पूछा था कि सरकार हिमालयी क्षेत्रों में हिमस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाओं के लिए पूर्व चेतावनी प्रणाली को सुदृढ़ करने के लिए क्या कोई विशेष कदम उठा रही है।
इस पर लिखित जवाब में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार हिमालयी क्षेत्रों में हिमस्खलन के खतरों से सजग है। हिमालय के बर्फीले क्षेत्रों में जीवन की सुरक्षा के लिए हिमस्खलन संबंधी पूर्वानुमानों के लिए कई प्रौद्योगिक विकसित की गई हैं। पूर्वानुमान संबंधी क्षमता में सुधार के लिए संवेदनशील क्षेत्रों में स्वचालित मौसम स्टेशन और राडार स्थापित किए जा रहे हैं।