पुलिस कस्टडी से भागा शूटर, कुछ घंटों बाद हुआ गिरफ्तार, गुरुद्वारे में बाबा तरसेम सिंह को मारी थी गोली

उत्तराखंड के एक गुरुद्वारे में 2024 में हुई हत्या के एक आरोपी को हिरासत से भागने के कुछ घंटों बाद ही पकड़ लिया गया। मंगलवार को वह तब भाग गया जब उसे गिरफ्तारी के बाद एक जिस पुलिस वाहन में ले जाया जा रहा था वह काशीपुर के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया। उसे बुधवार शाम को दोबारा पकड़ लिया गया। सीनियर पुलिस सुपरिटेंडेंट मणिकांत मिश्रा ने बताया कि उधम सिंह नगर जिले के नानकमत्ता के डेरा कार सेवा प्रमुख बाबा तरसेम सिंह की हत्या में वांछित शूटर सरबजीत सिंह को मंगलवार शाम पंजाब के तरनतारन से गिरफ्तार किया गया।

उन्होंने बताया, “जिस पुलिस वाहन में उसे यहां (उत्तराखंड) लाया जा रहा था, वह बुधवार रात 9.30 बजे काशीपुर के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया।” मिश्रा ने बताया कि सिंह ने दुर्घटना का फायदा उठाया और सब-इंस्पेक्टर संजय कुमार की पिस्तौल छीन ली और भाग गया। उ्होंने कहा, “पुलिस की एक टीम ने उसका पीछा किया और उसे रोकने की कोशिश की, लेकिन उसने उन पर गोली चला दी। जवाबी फायरिंग में उसके दोनों पैरों में गोली लग गई। इसके बाद उसे अस्पताल ले जाया गया।” घटना में तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए।

उत्तराखंड पुलिस ने सिंह की गिरफ्तारी के लिए लुकआउट नोटिस जारी और 2 लाख रुपये का इनाम घोषित किया था। साथ ही पंजाब में उसकी संपत्ति जब्त की थी। अमरजीत सिंह उर्फ ​​बिट्टू, 38, और सरबजीत सिंह, 45 ने कथित तौर पर मार्च 2024 में नानकमत्ता में बाबा तरसेम सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी थी। राज्य सरकार ने हत्या की जांच के लिए एक विशेष जांच दल का गठन किया था। उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में नौ लोगों को साजिश रचने और हमलावरों को हथियार मुहैया कराने के आरोप में गिरफ्तार किया गया।

बिट्टू पर 1991 में उत्तर प्रदेश के रामपुर में आतंकवादियों को पनाह देने और खालिस्तान के समर्थन में नारे लगाने के आरोप में आतंकवादी और विघटनकारी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था। अप्रैल 2024 में हरिद्वार में “मुठभेड़” में वह मारा गया।

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