जोमैटो और स्विगी के शेयरों में इस साल 40 फीसदी तक गिरावट, जेप्टो भी दे रहा टेंशन

Zomato Vs Swiggy Vs Zepto जोमैटो और स्विगी के शेयरों में इस साल भारी गिरावट देखी गई है। स्विगी का शेयर 2025 के अपने उच्चतम स्तर से लगभग 40% नीचे आ चुका है, जबकि जोमैटो 27% गिरा है। यह गिरावट तब आई है जब इन कंपनियों ने इस वित्तीय वर्ष की तीसरी तिमाही (Q3) के नतीजे बाजार की उम्मीदों से कम दिखाए। आज भी जोमैटो के शेयर 5 फीसद से अधिक टूटकर 211 रुपये के आसपास आ गए हैं। स्विगी भी दो फीसद से अधिक टूटकर 344 रुपये पर आ गया है।

इसी बीच, जोमैटो और स्विगी के क्विक कॉमर्स प्रतिद्वंद्वी जेप्टो भी उन्हें टेंशन दे रहा है। जेप्टो के $250 मिलियन के सेकेंडरी सेल (IPO से पहले कुछ शेयरधारकों द्वारा हिस्सेदारी बेचने) की खबर ने भी इन शेयरों पर दबाव बनाया है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, जेप्टो आईपीओ से पहले भारतीय निवेशकों की हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए यह कदम उठा रहा है।

कंपनियों ने बताया मांग में कमी का दौर

जोमैटो के CEO राकेश रंजन ने 20 जनवरी को शेयरधारकों को लिखे पत्र में कहा, “नवंबर के दूसरे हफ्ते से मांग में व्यापक गिरावट देखी जा रही है।” स्विगी के CEO रोहित कपूर ने 5 फरवरी को Q3 नतीजों के बाद कहा, “यह तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) थोड़ी कमजोर रही, लेकिन हम 19.2% की ग्रोथ के साथ बाजार को दिए गए 18-22% के अनुमान के भीतर हैं।”

क्विक कॉमर्स में मार्केट शेयर की जंग

जोमैटो (Blinkit) और स्विगी (Instamart) के बीच क्विक कॉमर्स में मार्केट शेयर को लेकर जंग जारी है, जबकि नए खिलाड़ी (जैसे जेप्टो) भी मैदान में आ गए हैं।सिटी की रिपोर्ट के अनुसार, “क्विक कॉमर्स में स्विगी तीसरे नंबर पर है, जहां ब्लिंकिट (41%) और जेप्टो आगे हैं, जबकि स्विगी का मार्केट शेयर सिर्फ 23% है।”

ब्रोकरेज का नजरिया: कुछ को उम्मीद, कुछ को चिंता

जेएम फाइनेंशियल ने स्विगी पर ‘Buy’ रेटिंग बरकरार रखी है, जिसका टारगेट प्राइस ₹500 (मौजूदा मूल्य से ~46% ऊपर) है। उनका कहना है कि स्विगी जल्द ही B2B सप्लाई बिजनेस (Assure नामक ऐप) लॉन्च कर सकता है, जो जोमैटो के हाइपरप्योर से सीधी टक्कर लेगा। Macquarie क्विक कॉमर्स सेक्टर को लेकर सतर्क है, लेकिन उसे Dine-out (रेस्तरां में खाने) से जुड़े बिजनेस मॉडल ज्यादा पसंद हैं।

निवेशक क्या करें

स्विगी और जोमैटो के शेयरों में गिरावट के बावजूद, कुछ ब्रोकरेज अभी भी इनमें संभावना देख रही हैं। जेप्टो का IPO आने वाला है, जिससे क्विक कॉमर्स सेक्टर में प्रतिस्पर्धा और बढ़ सकती है। मांग में कमी अभी भी एक बड़ी चुनौती है, लेकिन कंपनियों का कहना है कि ग्रोथ उनके अनुमान के भीतर है।

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