एस्पिरेशनल भारत ने महिला सरपंचों पर किताब जारी की, राजभर बोले- पंचायतें लड़कियों की शिक्षा पर दें जोर

उत्तर प्रदेश के पंचायती राज विभाग और एस्पिरेशनल भारत कोलैबोरेटिव (पिरामल फाउंडेशन) द्वारा महिला शिक्षा पर एक कार्यक्रम आयोजित किया। इस कार्यक्रम में राज्य के पंचायती राज मंत्री भी शामिल हुए। कार्यक्रम के दौरान वे महिला शिक्षा पर जोर देते हुए दिखाई दिए।

कार्यक्रम के दौरान कॉफी टेबल बुक नामक एक किताब भी रिलीज की गई। इस बुक का टाइटल विकसित पंचायत-विकसित भारत रखा गया है। इस बुक के अंतर्गत उत्तर प्रदेश की 28 सरपंच महिलाओं की कहानियां बताई गई है।

इस किताब में बहराइच की थारू जनजाति की एक महिला सरपंच की यात्रा को भी दर्शाया गया है।

पंचायती राज मंत्री ने क्या-क्या कहा?

इस कार्यक्रम के दौरान उन्होंने भारत के भविष्य को आकार देने में शिक्षा की भूमिका को रेखांकित किया।

राजभर ने कहा, ‘यदि हम पंचायतें शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए मिलकर काम करेंगे, तो भारत 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनने की दिशा में बड़ा कदम उठाएगा। हर बच्चा— चाहे वे बेटा हो या बेटी— को शिक्षा का अधिकार है, और खासकर लड़कियों की शिक्षा को अनदेखा नहीं किया जा सकता।”

इसके साथ ही मंत्री ने राज्य की सात पंचायतों से आई महिला सरपंचों को सम्मानित किया।

इसके अलावा उन्होंने लड़कियों की शिक्षा में हो रही असमानता पर चिंता जताते हुए कहा कि जब एक बेटी शिक्षित होती है, तो वह दो परिवारों को सशक्त बनाती है अपने मायके और ससुराल को। इसलिए बेटियों को स्कूल भेजने के लिए प्रोत्साहित करना बेहद जरूरी है।’

एस्पिरेशनल भारत की सीईओ ने क्या बताया?

एस्पिरेशनल भारत कोलैबोरेटिव, पिरामल फाउंडेशन के सीईओ श्री मनमोहन सिंह ने कहा कि महिला सरपंचों ने पारंपरिक रूढ़ियों को तोड़कर एक नई मिसाल कायम की है।

उन्होंने आगे कहा कि खासकर ग्रामीण इलाकों में सदियों से मर्दों का दबदबा रहा है, लेकिन इस प्रथा को इन औरतों ने अपने साहस और दृढ़ता से इसे बदल दिया है। यह किताब ‘विकसित पंचायत – विकसित भारत ऐसी ही महिला नेताओं को समर्पित है।

महिला सरपंचों ने की भावनाएँ व्यक्त

इस कार्यक्रम में शामिल कई महिला सरपंचों ने भी अपनी भावनाएं व्यक्त की। उत्तर प्रदेश के जाजे देवपुर में रहने वाली सरपंच मुन्‍नी देवी ने कहा कि कार्यक्रम में शामिल होकर पहली बार वाराणसी से बाहर आना उनके लिए एक खास अनुभव साबित हुआ है।

बहराइच के फकीरीपुरी ग्राम पंचायत की सरपंच और थारू जनजाति की माधुरी देवी ने कहा कि सामाजिक स्वीकृति पाने के लिए उन्हें पुरुषों जैसे वस्त्र पहनने पड़े थे।

उन्होंने आगे कहा कि महिलाएं अब लीडरशिप बढ़ रही है, लेकिन हमें अभी लंबा सफर तय करना है। मंत्री जी के साथ मंच पर आना न केवल मेरे और मेरी पंच बहनों के लिए प्रेरणा है, बल्कि हर उस लड़की के लिए भी, जो विकसित भारत में योगदान देने का सपना देखती है।’

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker