आम आदमी पार्टी को एक और झटका देने की तैयारी में भाजपा, इस कुर्सी के लिए लड़ाई हुई तेज

दिल्ली नगर निगम में अगले माह होने वाले महापौर के चुनाव में किसकी सत्ता होगी इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वर्तमान में निगम की सत्ता में बैठी आप नेता प्रतिपक्ष के कार्यालय में होने वाले खर्च का बजट बढ़ाने का प्रस्ताव ला रही है।
कितना बढ़ेगा नेता प्रतिपक्ष का बजट?
बुधवार को होने वाली सदन की विशेष बैठक में प्रस्ताव एवं संशोधन के जरिये आप पार्षद अंकुश नारंग ने यह प्रस्ताव रखा है। इसमें प्रस्ताव संख्या 26 में जहां नेता सदन के कार्यालय में होने वाले खर्च के बजट में एक लाख रुपये की वृद्धि करने का प्रस्ताव रखा है जबकि सत्ता में होने के बाद भी आप की ओर प्रस्ताव संख्या 27 में नेता प्रतिपक्ष के बजट में तीन लाख रुपये की राशि की बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव है।
उल्लेखनीय है कि नेता सदन और नेता प्रतिपक्ष समेत महापौर कार्यालय में प्रतिदिन दूध, पानी, चाय और अन्य मदों में खर्च होने वाली राशि को भी बजट का हिस्सा बनाया जाता है। इसके तहत महापौर के लिए 12 लाख रुपये सालाना तो नेता प्रतिपक्ष के लिए चार लाख सालाना तो नेता सदन के लिए आठ लाख रुपये वार्षिक खर्च का बजट निर्धारित हैं।
अब जो प्रस्ताव आ रहा है अगर वह पारित हो जाता है तो नेता प्रतिपक्ष का बजट सात लाख हो जाएगा तो वहीं, नेता सदन का बजट नौ लाख रुपये हो जाएगा। हैरानी की बात यह है कि बजट में बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव सफाई सेवाओं में सुधार हेतु निधि के फंड से यह कटौती करके नेता सदन और नेता प्रतिपक्ष के बजट में बढ़ोत्तरी करने का प्रस्ताव है।
बहुमत न होने पर गिर सकता है AAP का प्रस्ताव
निगम से जुड़े जानकार इसे अप्रैल में होने वाले महापौर चुनाव के बाद होने वाली स्थिति की तैयारी बता रहे हैं। हालांकि इन प्रस्तावों को पास कराना आप के लिए आसान नहीं होगा। क्योंकि अगर, भाजपा ने अगर प्रस्तावों पर वोटिंग की मांग कर दी तो बहुमत न होने पर आप का प्रस्ताव गिर सकता है।
एक व्यक्ति द्वारा सत्ता चलाने से नाराज हैं आप पार्षद
दिल्ली नगर निगम में 2022 के दिसंबर में चुनाव हुए थे। इसमें 250 सीटों में से 135 सीटों पर आप ने जीत दर्ज की थी तो भाजपा ने 104 पर लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता गया वैसे-वैसे आप से नाराज होकर पार्षद भाजपा में आने लग गए। 13 पार्षद तो आप के भाजपा में सीधे तौर पर आ चुके हैं।
सूत्र बताते हैं कि 25 पार्षद भाजपा के संपर्क में हैं लेकिन भाजपा स्थानीय संगठन की नाराजगी के चलते उन्हें शामिल नहीं करा रही है। आप से भाजपा में आए में महावरी एन्कलेव वार्ड से पार्षद अजय राय ने कहा कि महापौर पार्षदों की बात नहीं सुनते इसकी वजह से लोगों के काम नहीं हो पा रहे हैं।
कमेटियों का गठन न करके एक व्यक्ति द्वारा ही निगम को चलाने का प्रयास किया । जिससे निगम का नुकसान हुआ। इसी वजह से पार्षद आप छोड़कर भाजपा में आ रहे हैं।
महापौर चुनाव के लिए किसके पास है कितने सदस्य?
- कुल सदस्य – 248 (238 पार्षद, सात लोकसभा तो 3 राज्यसभा सदस्य)
- भाजपा- 124 (117 पार्षद और सात लोकसभा सदस्य)
- आप- 116 (113 पार्षद और तीन राज्यसभा सदस्य)
- कांग्रेस -8