कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन को लेकर अब नया विवाद, जिला अस्पताल के महिला स्टाफ ने लगाया संगीन आरोप

जिला अस्पताल में उपचार करा रहे पूर्व विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन और जिला अस्पताल के अब नया विवाद हो गया है। जिला अस्पताल की महिला स्टाफ ने चैंपियन पर स्वास्थ्य कर्मियों के साथ अशोभनीय शब्दों का प्रयोग करने का आरोप लगाया। तो कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन की पत्नी रानी देवयानी अपनी फरियाद को लेकर मानवाधिकार आयोग के पास गई है।
रानी देवयानी ने मानवाधिकार आयोग में दायर की याचिका
रानी देवयानी ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से राज्य मानवाधिकार आयोग में याचिका दायर करके अपने पति की मेडिकल फाइल तलब करके वास्तविकता का संज्ञान लिए जाने के मांग की है। याचिका में डा. विकासदीप पर प्रेस के सम्मुख बिना किसी आधार के एक बीमार व्यक्ति को सही होने की जानकारी देने का भी आरोप लगाया है। अधिवक्ता अरुण भदौरिया की ओर से प्रस्तुत याचिका में षड्यंत्र के तहत कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन के साथ धोखा करके उनके मानवाधिकार का हनन करने का आरोप डा. विकासदीप पर लगाया है।रानी देवयानी ने मानव अधिकार आयोग से प्रमुख सचिव स्वास्थ्य, उत्तराखंड महानिदेशक स्वास्थ्य निदेशालय, मुख्य चिकित्सा अधिकारी जनपद हरिद्वार, प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक हरिद्वार और डा. विकासदीप के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की है। वहीं इतने लंबे समय तक कोर्ट अभिरक्षा में किसी व्यक्ति को अस्पताल में रखने को लेकर जिला अस्पताल प्रशासन पर भी सवाल उठ रहे हैं।
जिला अस्पताल के प्रभारी सीएमएस डा. विकासदीप का कहना है कि पूर्व विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन स्टाफ नर्स को नहीं, बल्कि कुछ पुरुष कर्मचारियों के साथ अशोभनीय शब्दों का इस्तेमाल कर रहे थे। स्टाफ नर्स की ओर से अभद्रता की शिकायत प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक से की गई है।
चैंपियन पर दर्ज मुकदमे में हत्या के प्रयास की धारा
रुड़की: गणतंत्र दिवस के दिन खानपुर विधायक के रुड़की स्थित आवासीय कार्यालय पर फायरिंग के मामले में पूर्व विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन पर दर्ज हत्या के प्रयास की धारा को अब गैर इरादतन हत्या के प्रयास में तब्दील की गई है। पुलिस ने जांच के बाद धाराओं का अल्पीकरण किया है। इस मामले की जांच सीओ रुड़की नरेंद्र पंत कर रहे है। जिसके बाद कुंवर प्रणव चैंपियन को राहत मिलने की उम्मीद नजर आ रही है।
खानपुर विधायक उमेश कुमार और खानपुर के पूर्व विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन के बीच सालों से अदावत चल रही है। इसके चलते ही दोनों कूे बीच इंटरनेट मीडिया पर कई बार विवाद हो चुका है। 25 जनवरी को कुंवर प्रणव चैंपियन की पोस्ट को लेकर विवाद गहरा गया था। इसे लेकर खानपुर विधायक उमेश कुमार लाइंसेसी पिस्टल के साथ रंगमहल पहुंच गये थे और दरवाजे खटखटाये थे।
इसके अलावा पूर्व विधायक चैंपियन के रुड़की स्थित आवासीय कार्यालय में घुसकर उनके समर्थकों को हथियार दिखाकर आतंकित किया था। इस मामले में रानी देवयानी ने खानपुर विधायक पर मुकदमा दर्ज कराया था। वहीं इसके अगले दिन यानि 26 जनवरी को कुंवर प्रणव चैंपियन ने समर्थकों के साथ खानपुर विधायक के आवासीय कार्यालय में घुसकर उनके समर्थकों को पीटा था। साथ ही कई राउंड फायरिंग भी की थी। इस मामले में खानपुर के पूर्व विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन और समर्थकों पर हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज हुआ था।
पुलिस ने इन मामलों में खानपुर विधायक उमेश कुमार और पूर्व विधायक कुंवर प्रणव चैंपियन और उनके समर्थकों को गिरफ्तारी करके जेल भेज दिया था। उमेश कुमार को तो उसकी दिन जमानत मिल गई थी जबकि चैंपियन को जेल जाना पड़ा था। हरिद्वार की रोशनबाद जेल में बंद होने के दौरान उनकी तबीयत बिगड़ गई थी। उनका न्यायिक अभिरक्षा में उपचार चल रहा है।
चैंपियन पर दर्ज मुकदमे की जांच सीओ रुड़की नरेंद्र पंत कर रहे है। सीओ नरेंद्र पंत ने खानपुर विधायक के आवासीय कार्यालय पर हुई फायरिंग और की सभी वीडियो कब्जे में लेकर जांच की थी। इसके अलावा घटनास्थल पर लगे कैमरे की फुटेज भी खंगाली थी। जांच के बाद पुलिस ने कुंवर प्रणव चैंपियन पर दर्ज हत्या के प्रयास की धाराओं को अब गैर इरादतन हत्या के प्रयास की धाराओं में बदल दिया है। इस मामले की जांच कर रहे सीओ नरेंद्र पंत ने भी इसकी पुष्टि की हैं। धाराओं का अल्पीकरण होने से अब चैंपियन को राहत मिलने के आसार नजर आ रहे है।
वीडियों में पथराव के बाद फायरिंग होने का चला था पता
पुलिस ने इस मामले में मौके पर बनाई गई 20 से अधिक वीडियो की गहनता से जांच की। जिसके बाद मामले की जांच शुरू की गई। सूत्रों की माने तो पुलिस की जांच में मौके पर बनाई गई वीडियो का अहम याेगदान रहा है। वीडियो से पता चला है कि विधायक के आवास पर जाने के बाद उनके समर्थक की जब पिटाई की गई तो छत से पथराव हुआ था। इस पथराव के बाद वहां से निकलने के लिए चैंपियन और समर्थकों ने फायरिंग की थी।
पूर्व में हत्या की धारा हटाने के लिए लगाई थी फटकार
पूर्व विधायक पर दर्ज हत्या के प्रयास की धारा पुलिस ने पहले जांच में हटा दी थी। जिसके बाद कोर्ट ने पुलिस को फटकार लगाई थी। इस मामले की जांच पहले कोतवाली के वरिष्ठ उप निरीक्षक धर्मेंद्र राठी कर रहे थे। बाद में इसकी जांच सीओ रुड़की नरेंद्र पंत को दी गई थी। सीओ नरेंद्र पंत इस मामले की जांच कर रहे है। इससे पहले हाईकोर्ट ने विधायक के आवासीय कार्यालय पर हुई फायरिंग का संज्ञान लेते हुए हरिद्वार पुलिस को पूरे मामले की रिपोर्ट देने के आदेश दिये थे।