बांग्लादेश में हसीना के बाद यूनुस के खिलाफ छात्रों का आंदोलन, 14 लड़कियों ने की आत्महत्या

बांग्लादेश में महिलाओं और बच्चों पर जारी यौन हिंसा के खिलाफ छात्रों का गुस्सा फूटा है। ढाका में छात्रों ने अपना आंदोलन तेज कर दिया है। छात्रों का कहना है कि मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार इन अपराधों को रोकने में विफल साबित हुई है। ढाका में बड़ी संख्या में छात्रों ने विरोध मार्च निकाला। इस दौरान छात्रों ने दुष्कर्मियों को फांसी दो, महिलाओं और बच्चों की रक्षा करो… सरकार जागो जैसे नारे लगाए।

गृह सलाहकार से मांगा इस्तीफा

ढाका के जगन्नाथ विश्वविद्यालय, ईडन कॉलेज, गवर्नमेंट टिटुमिर कॉलेज, यूनिवर्सिटी ऑफ लिबरल आर्ट्स बांग्लादेश और बीआरएसी विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने विरोध मार्च में हिस्सा लिया। छात्रों का कहना है कि सरकार देश में अपराधों को रोकने में फेल हुई है। उन्होंने बांग्लादेश के गृह मामलों के सलाहकार का इस्तीफा मांगा है।

बाहर निकलने में लगता है डर

ढाका के एक विश्वविद्यालय की छात्रा समीहा चौधरी ने कहा, “दुष्कर्म के बढ़ते मामलों की वजह से हम बाहर निकलने से डरते हैं। यहां तक ​​कि अब विश्वविद्यालय जाना भी सुरक्षित नहीं लगता है। सरकार से हमने तत्काल कार्रवाई की मांग की है।

पांच लड़कियों और 9 महिलाओं ने की आत्महत्या

बांग्लादेश महिला परिषद ने एक रिपोर्ट पेश की। यह रिपोर्ट पिछले साल सितंबर महीने की है। रिपोर्ट में कहा गया है कि सितंबर 2024 में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ हिंसा में उल्लेखनीय इजाफा हुआ है। यह रिपोर्ट समाचार पत्रों में प्रकाशित खबरों के आधार पर तैयार की गई है। रिपोर्ट के मुताबिक यौन हिंसा से पीड़ित 5 लड़कियों और 9 महिलाओं ने आत्महत्या भी की है। वहीं कई मामलों में अपराधियों ने ही पीड़िता को मौत के घाट उतार दिया।

जनवरी 2025 में और बढ़ा अपराध

बांग्लादेश महिला परिषद ने पिछले साल अक्टूबर महीने के भी एक रिपोर्ट पेश की। इसमें कहा गया है कि अक्टूबर में कुल 200 लड़कियों और महिलाओं को हिंसा का सामना करना पड़ा। दिसंबर में 163 महिलाओं के साथ हिंसा हुई। जनवरी 2025 में यह आंकड़ा और बढ़ गया।

रिपोर्ट के मुताबिक जनवरी में कुल 205 महिलाओं और लड़कियों को हिंसा सहनी पड़ी। महिलाओं के खिलाफ हिंसा का यह दौर अब भी जारी है। बांग्लादेश महिला परिषद ने अपराध की बढ़ती घटनाओं की निंदा। बता दें कि शेख हसीना के सत्ता से हटने के बाद से ही बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदाय खासकर हिंदुओं के खिलाफ हिंसा में वृद्धि हुई है। बांग्लादेश के 48 जिलों में हिंदुओं और उनकी संपत्ति को निशाना बनाया गया है।

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker