बीजापुर में सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में 31 नक्सलियों को किया ढेर

छत्तीसगढ़ के बीजापुर में सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में 31 नक्सलियों को मार गिराया है। इसके बाद नक्सलियों की एक बड़ी साजिश का भी भंडाफोड़ हुआ है। माओवादी अपने अत्याधुनिक ‘सुर्खा’ रॉकेट लॉन्चर और विस्फोटकों से सुरक्षाबलों को भारी नुकसान पहुंचाने की फिराक में थे, लेकिन जवानों ने सतर्कता और बहादुरी से इस हमले को नाकाम कर दिया। नक्सली निकाय चुनाव से पहले बड़ी वारदात की फिराक में जुटे थे।

सुरक्षा बलों ने मुठभेड़ स्थल से भारी मात्रा में नक्सलियों के हथियार बरामद किए हैं, जिसमें खतरनाक रॉकेट लॉन्चर भी शामिल है। नक्सलियों ने अपने साहित्य में इसे ‘सुर्खा’ नाम दिया हुआ है और यह हथियार इतना घातक है कि एक ही विस्फोट से जवानों को बड़ा नुकसान हो सकता था, लेकिन जवानों ने समय रहते इस बड़े खतरे को टाल लिया और माओवादियों की कमर तोड़ दी। इस मुठभेड़ में तेलंगाना और छत्तीसगढ़ के बड़े नक्सली कैडर के मारे जाने की जानकारी भी सामने आ रही है। मारे गए नक्सलियों में लाखों के इनामी नक्सली हैं। आधिकारिक तौर पर अभी इसका ब्यौरा नहीं दिया गया है।

7-8 घंटे तक दोनों ओर से फायरिंग

बीजापुर के मद्देड-फरसेगढ़ बॉर्डर क्षेत्र में डीआरजी, एसटीएफ और बस्तर फाइटर्स की संयुक्त टीम को नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना मिली थी। सर्च ऑपरेशन के दौरान 9 फरवरी की सुबह 8 बजे मुठभेड़ शुरू हुई, जो शाम 3-4 बजे तक चलती रही। मुठभेड़ खत्म होने के बाद 31 वर्दीधारी नक्सलियों के शव बरामद किए गए, जिनमें 11 महिला नक्सली भी शामिल हैं। मौके से एके-47, एसएलआर, इंसास, 303 राइफल, रॉकेट लॉन्चर, बीजीएल लॉन्चर और भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री जब्त की गई है। हथियार देखकर लग रहा है कि नक्सली बड़ी वारदात की फिराक में थे।

लड़ाकू बटालियन को मैदान में उतारा

नक्सलगढ़ के रूप में चर्चित बस्तर में लगातार सुरक्षा कैंपों के खोले जाने के बाद कमजोर पड़ चुके नक्सली अब अपनी रणनीति बदलने के लिए विवश हैं। सुरक्षा बल के जवान उनके गढ़ में घुसकर हमला कर रहे हैं। नक्सल संगठन खुद के वजूद को बचाने अपने लड़ाकू बटालियन को मैदान में उतार चुके हैं। कुछ वर्ष पहले नक्सली अपनी उपस्थिति दिखाने स्माल एक्शन टीम के सहारे हत्या, आइईडी विस्फोट जैसे घटना को अंजाम देती थी। मार्च-2026 तक नक्सलवाद को खत्म करना है, इसलिए अब सीधे सीधे मुठभेड़ हो रही है। मुठभेड़ में टॉप लेवल के नक्सली भी मारे जा रहे हैं।

मुठभेड़ में दो जवान शहीद, दो घायल

बीजापुर मुठभेड़ में डीआरजी के हेड कांस्टेबल नरेश कुमार ध्रुव (बालौदाबाजार) और एसटीएफ कांस्टेबल वासित रावटे (बालोद) शहीद हो गए। दोनों शहीद जवानों के पार्थिव शरीर को बीजापुर जिला अस्पताल लाया गया है। वहीं डीआरजी के कांस्टेबल जग्गू कलमू और एसटीएफ के कांस्टेबल गुलाब मंडावी घायल हो गए। दोनों घायल जवानों को भारतीय वायु सेना की मदद से एयरलिफ्ट कर रायपुर लाया गया है, जहां उनकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है।

फोर्स के दबाव में बैकफुट पर नक्सली

बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने कहा कि सुरक्षा बल की ओर से नक्सलियों के सबसे ताकतवर गढ़ में प्रहार के बाद नक्सली अपना गढ़ बचाने बौखलाहट में हमले कर रहे हैं। फोर्स के दबाव में नक्सली बैकफुट पर है। अगले कुछ माह में और भी तेजी से अभियान चलाया जाएगा। कैंपों की वजह से गांवों तक सुविधाएं पहुंच रही है। नए कैंपों को सामुदायिक केंद्र की तरह विकसित कर सुरक्षा के साथ ग्रामीणों को राशन, बिजली, पानी, सड़क और शासकीय योजनाओं से जोड़ेंगे।

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