डोनाल्ड ट्रंप का अवैध प्रवासियों पर एक्शन, जाने भारतीयों को वापस भेजने में क्यों कर रहे इतना खर्च
अवैध प्रवासियों को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ऐक्शन मोड में हैं। उनके रडार पर अवैध रूप से रहे भारतीय भी हैं। उनके दफ्तर संभालने के बाद पहली बार ऐसे 205 लोगों को अमेरिका से निकाला गया है। संभावनाएं जताई जा रही हैं कि अमेरिकी सेना का एक विमान बुधवार दोपहर श्री गुरु रामदास जी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतर सकता है। सवाल है कि आखिर ट्रंप जरूरत से ज्यादा खर्च कर लोगों को सेना के विमान से ही क्यों भेज रहे हैं।
एक व्यक्ति को भेजने पर आता है इतना खर्च
आमतौर पर अमेरिका किसी व्यक्ति को डिपोर्ट कमर्शियल चार्टर्स से करा है, जो देखने में आम विमानों की तरह लगते हैं। इनका संचालन यूएस कस्टम्स एंड इमीग्रेशन एन्फोर्समेंट यानी ICE की तरफ से किया जाता है। मौजूदा प्रक्रिया में भी इनका इस्तेमाल किया जा रहा है, लेकिन सभी का ध्यान सेना के सी-17 विमान ने खींचा है।
अब अगर दो विमानों के इस्तेमाल में आने वाले खर्च की तुलना की जाए, तो बड़ा अंतर नजर आता है। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, डिपोर्ट करने के लिए ग्वाटेमाला जाने वाले सेना के विमान में 4 हजार 675 रुपये प्रति प्रवासी खर्च आने की संभावना है…। अब अगर अमेरिकी एयरलाइन्स का इस्तेमाल कर उसी रूट पर किसी व्यक्ति को भेजा जाए, तो फर्स्ट क्लास की टिकट 853 डॉलर की होगी।
ICE फ्लाइट्स को लेकर रॉयटर्स का कहना है, ‘…ICE के कार्यकारी निदेशक टाय जॉनसन ने अप्रैल 2023 में बजट की सुनवाई के दौरान सांसदों को बताया था कि डिपोर्टेशन में लगी उड़ानों का खर्च 135 लोगों के लिए 17 हजार डॉलर प्रति उड़ान घंटे का आता है। ये उड़ान आमतौर पर 5 घंटों की होती हैं।’ ऐसे में अगर माना जाए कि वापसी की उड़ान का खर्च ICE के बजाए चार्टर कंपनी देगी, तो खर्च 630 डॉलर प्रति व्यक्ति आएगा।
रिपोर्ट के मुताबिक, C-17 विमान के इस्तेमाल में 28 हजार 500 डॉलर का खर्च प्रति घंटा आता है। अब भारत की डिपोर्ट फ्लाइट अब तक की सबसे लंबी है। अब तक ये विमान ग्वाटेमाला, पेरू, होंडुरस और इक्वाडोर गए हैं।
ट्रंप का प्लान
ट्रंप कई बार अवैध प्रवासियों को ‘एलियन’ और ‘अपराधी’ बताते हैं, जिन्होंने अमेरिका पर ‘आक्रमण’ किया है। अवैध प्रवासियों की प्लेन में बैठते हुई आईं तस्वीरों को लेकर कहा जा रहा है कि ये एक संदेश का हिस्सा है, जिसके जरिए ट्रंप बताना चाहते हैं कि वह ऐसे ‘अपराधों’ पर सख्त हैं। प्रवासियों को हथकड़ी लगाना इसी संदेश का हिस्सा माना जा रहा है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, रिपब्लिकन सांसदों से हालिया बातचीत के दौरान ट्रंप ने कहा था, ‘इतिहास में पहली बार हम अवैध एलियन्स को हम सेना के विमान में भेज रहे हैं और वहां पहुंचा रहे हैं, जहां से वो आए हैं…।’
24 जनवरी को प्रेस सचिव केरोलीन लीविट ने आपस में बंधे हुए हथकड़ी पहने अवैध प्रवासियों की तस्वीर साझा की थी। उन्होंने एक्स पर लिखा था, ‘डिपोर्टेशन फ्लाइट शुरू हो चुकी हैं। राष्ट्रपति ट्रंप एक सख्त संदेश पूरी दुनिया को दे रहे है कि अगर आप अमेरिका में अवैध तरीके से आएंगे, तो गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।’ माना जा रहा है कि ट्रंप अवैध प्रवासियों को अपील के लिए समय देने के बजाए जल्द डिपोर्ट करने के पक्ष में हैं।