पर्यटन कारोबार 20% तक सिमटा, होटल रूम्स के रेट में भी भारी गिरावट
प्रयागराज में महाकुंभ तथा विधानसभा चुनाव की सरगर्मियों ने नैनीताल के पर्यटन कारोबार को मौसम की तपिश में भी ठंडा कर दिया है। आलम यह है कि इन दिनों शहर में पर्यटन कारोबार 20 प्रतिशत तक सिमट गया है। पर्यटन कारोबारियों की मानें तो इस बार गणतंत्र दिवस व वीकेंड पर भी अब तक एडवांस बुकिंग ना के बराबर है, जबकि होटलों में कमरों के दाम 40-50 प्रतिशत घट गए हैं।
सरोवर नगरी सहित शहर से सटे ग्रामीण पर्यटन क्षेत्रों की आर्थिकी अब पर्यटन पर ही निर्भर हो गई है। कैंची धाम में श्रद्धालुओं की बढ़ती आस्था की वजह से अब यहां पर्यटन कारोबार पूरे साल चल रहा है लेकिन अबकी खुशगवार मौसम के बीच एकाएक पर्यटन कारोबार में गिरावट आ गई है।
इसकी वजह प्रयागराज महाकुंभ तथा दिल्ली विधानसभा चुनाव माना जा रहा है। पर्यटकों की आमद में कमी से पार्किंग से लेकर टैक्सी, टैक्सी बाइक, फड़ व्यवसाय, रेस्टोरेंट सहित गिफ्ट आइटम तथा पर्यटन स्थलों में छिटपुट दुकानदार भी खाली हाथ बैठे हैं। सरकारी गेस्ट हाउसों में भी वीआइपी सहित उनके संबंधियों व दोस्तों की बुकिंग बहुत कम हो गई है। पर्यटन गाइडों का बुकिंग का धंधा मंदा हो गया है।
होटलों में 50 प्रतिशत तक गिरे कमरों के रेट
नैनीताल: होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष दिग्विजय सिंह बिष्ट के अनुसार प्रयागराज में महाकुंभ तथा दिल्ली विधानसभा चुनाव के कारण पर्यटकों की घटती आमद को देखते हुए होटलों में 40 से 50 प्रतिशत तक कमरों के रेट घट गए हैं।
शहर में 350 से अधिक होटल हैं। जबकि इसके अलावा गेस्ट हाउस तथा अवैध संचालित होटल भी हैं। शहर के समीपवर्ती किलबरी, पंगोट, मंगोली से घटगढ़ तक, भवाली रोड में जोखिया, भूमियांधार, ज्योलीकोट, गेठिया, बल्दियाखान क्षेत्र के होटल-गेस्ट हाउस व होम स्टे पर्यटकों का इंतजार कर रहे हैं।
यह हैं पर्यटन कारोबार में रोजगार
नैनीताल: नैनीताल के होटल-गेस्ट हाउसों में करीब पांच हजार के आसपास कर्मचारी, करीब सात सौ से अधिक टैक्सी, एक हजार के आसपास बाइक टैक्सी संचालक, पांच सौ अधिक नौका चालक-संचालक, करीब दो सौ पर्यटन गाइड, करीब 50 आउटडोर फोटोग्राफर हैं।
हिमालय दर्शन सहित बारापत्थर, टांकी बैंड, स्नोव्यू में दो सौ से अधिक छिटपुट दुकानदार पूरी तरह पर्यटन पर निर्भर हैं।