उत्तराखंड में HMPV वायरस को लेकर अलर्ट, अस्पतालों में बेड रिजर्व
दून मेडिकल कालेज चिकित्सालय ने ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) संक्रमण को लेकर आवश्यक कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। एचएमपीवी संक्रमित मरीजों के लिए 27 बेड आरक्षित किए गए हैं। जिनमें आठ बेड बच्चों व 19 वयस्कों के लिए हैं। मेडिसिन, बाल रोग व माइक्रोबायोलाजी विभाग आपसी समन्वय से काम करेंगे।
चिकित्सा अधीक्षक डा. अनुराग अग्रवाल के अनुसार अस्पताल इस संक्रमण से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए तैयार है। अस्पताल में जांच की सुविधा उपलब्ध है। इसके लिए बेड आरक्षित कर दिए गए हैं। जरूरत पड़ने पर बेड संख्या बढ़ाई जाएगी। उनका कहना है कि इस संक्रमण को लेकर डरने या घबराने की जरूरत नहीं है। श्वसन संक्रामक रोगों से बचाव के लिए कोविड में जो उपाय किए जाते रहे हैं (जैसे हाथों की स्वच्छता और इम्युनिटी बढ़ाने के प्रयास) वही काफी हैं।
सामाजिक दूरी का ध्यान रखने की सलाह
जिन लोगों को पहले से कोमोरबिडिटी है या किसी गंभीर रोग का शिकार रहे हैं जिसने इम्युनिटी बहुत बिगाड़ दिया है उन्हें मास्क लगाने और सामाजिक दूरी का ध्यान रखने की सलाह दी जाती है। उन्होंने बताया कि ये बहुत गंभीर रोग वाला वायरस नहीं है।
इससे ज्यादातर संक्रमितों में फ्लू जैसे लक्षण होते हैं, कुछ लोगों में इसके कारण अस्थमा या ब्रोंकाइटिस के मामले जरूर ट्रिगर हो सकते हैं। ये वायरस ज्यादातर कम उम्र के बच्चों और बुजुर्गों या फिर कमजोर इम्युनिटी वालों को अपना शिकार बना रहा है। जैसे ही ऐसे लक्षण दिखाई दे तो तुरंत अस्पताल जाकर अपनी जांच करवाएं।
जिला चिकित्सालय भी तैयार
जिला चिकित्सालय (कोरोनेशन अस्पताल) में भी ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस को लेकर तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डा. वीएस चौहान ने बताया कि अस्पताल में दस बेड का आइसोलेशन वार्ड तैयार किया गया है। मेडिसिन व बाल रोग विभाग के चिकित्सकों की ड्यूटी लगाई जा रही है।
मुख्य चिकित्साधिकारी ने अस्पतालों के लिए जारी किए दिशा-निर्देश
मुख्य चिकित्साधिकारी डा. संजय जैन के अनुसार सर्दी के मौसम में विभिन्न श्वसन तंत्र संबंधी रोग यानी सीजनल इन्फलूएंजा के प्रसारण की संभावना बढ़ जाती है। एचएमपीवी भी सामान्य सर्दी-जुकाम के लक्षणों के साथ आता है। जिसमें मरीज तीन से पांच दिन की अवधि में स्वत: ठीक हो जाता है।
फिर भी एचएमपीवी से बचाव के लिए एहतियात बरतनी जरूरी है। सभी चिकित्सालयों को इन्फलूएंजा के मरीजों के इलाज के लिए पर्याप्त आइसोलेशन बेड, आक्सीजन बेड, आइसीयू बेड, वेंटीलेटर व आक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही आवश्यक औषधियों के साथ ही चिकित्सकों व नर्सिंग स्टाफ की पर्याप्त व्यवस्था रखने को कहा है।
यह बरतें सावधानी
- हाथों को नियमित रूप से धोएं
- बाहर निकलते वक्त मास्क पहनें
- भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर जाने से बचें
- डायट में हेल्दी फूड को शामिल करें
- हर व्यक्ति को पर्याप्त नींद लेना चाहिए
एचएमपीवी से बचाव की एडवाइजरी के बाद सरकारी अस्पताल अलर्ट
ऋषिकेश: शांति प्रपन्न शर्मा राजकीय चिकित्सालय की ओपीडी मंगलवार को 600 के पार रही। अधिकांश मरीज सर्दी, खांसी, जुकाम से पीड़ित थे। फिजिशियन और बाल रोग विभाग की ओपीडी में अधिक मरीज पहुंचे। वहीं, चीन में फैले ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) को लेकर भी अस्पताल को गाइडलाइन मिल गई है।
अस्पताल में आइसोलेशन वार्ड और आक्सीजन वाले बेड पहले से हैं। सीएमएस का कहना है कि अभी कोई मरीज नहीं है। गाडइलाइन का पालन किया जा रहा है। रविवार साप्ताहिक अवकाश और सोमवार को सार्वजनिक अवकाश होने के चलते ओपीडी दोपहर बारह बजे तक ही चली।
मंगलवार को इस कारण मरीजों की भीड़ अधिक रही। सामान्य दिनों में ओपीडी में औसत 400 मरीज आते हैं। मंगलवार को दोपहर दो बजे तक ओपीडी के 600 पर्चे बन गए। सबसे अधिक भीड़ बाल रोग और फिजिशियन की ओपीडी में रही। दोनों जगह की ओपीडी 350 के पार रही।
मौसम में लगातार बदलाव के चलते बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक इसकी चपेट में आकर बीमार हो रहे हैं। सर्दी, खांसी, जुकाम, बदन दर्द जैसी शिकायत लेकर मरीज पहुंचे। बाल रोग विशेषज्ञ डा. विकास घिल्डियाल ने बताया कि बच्चे मौसम संबंधी बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। इन दिनों मौसम लगातार बदल रहा है। मौसम में बदलाव से बच्चे बीमार पड़ रहे हैं।
वहीं, ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस के देश मामले मिलने के बाद उत्तराखंड में सतर्कता बरती जा रही है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से एडवाइजरी जारी की गई है। मुख्य चिकित्साधिकारी डा. पीके चंदोला ने बताया कि नए वायरस को लेकर विभाग की ओर से गाइडलाइन मिली है। जिसमें आइसोलेशन वार्ड बनाने, आक्सीजन वाले बेड तैयार रखने आदि को कहा गया है। अस्पताल में यह व्यवस्था पहले से है।