पूर्णिमा व्रत पर इस विधि से करें पूजा, सुख-समृद्धि की होगी बरसात

हिंदू मान्यताओं के अनुसार, पूर्णिमा के दिन स्नान-दान करना काफी शुभ माना जाता है। ऐसा करने से साधक को विष्णु जी के साथ-साथ माता लक्ष्मी की भी कृपा की प्राप्ति होती है। इसी के साथ पूर्णिमा के दिन सत्यनारायण भगवान की कथा कराने का भी विशेष महत्व है। इससे साधक को जीवन में अद्भुत लाभ मिलने लगते हैं।

पौष पूर्णिमा शुभ मुहूर्त

पौष माह की पूर्णिमा तिथि का आरंभ 13 जनवरी को सुबह 05 बजकर 03 मिनट पर हो रहा है। वहीं, इस तिथि का समापन 14 जनवरी को प्रातः 03 बजकर 56 मिनट पर होगा। ऐसे में पौष पूर्णिमा, सोमवार 13 जनवरी को मनाई जाएगी। इस दिन चंद्रोदय का समय कुछ इस प्रकार रहने वाला है –

पूर्णिमा के दिन चंद्रोदय का समय – शाम 05 बजकर 04 मिनट पर

पूर्णिमा व्रत की पूजा विधि

पौष पूर्णिमा दिन सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि कर लें। यदि संभव हो तो किसी पवित्र नदी में स्नान कर सकते हैं, वरना घर पर ही सामान्य जल में गंगाजल मिलाकर स्नान कर लें। इसके बाद सूर्य देव को जल अर्पित करें और ॐ घृणिः सूर्याय नमः मंभ का जप करें। इसके बाद एक चौकी पर साफ-सुथरा लाल कपड़ा बिछाकर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित करें। इसके बाद पूजा में धूप, दीप नैवेद्य आदि अर्पित करें।

शाम के समय पूजा के दौरान अपने समक्ष पानी का कलश रखें। विष्णु जी को पंचामृत, केला और पंजीरी का भोग अर्पित करें। इसके बाद पंडित को बुलाकर सत्यनारायण की कथा करवाएं और आसपास के लोगों को भी आमंत्रित करें। पूजा के बाद परिवार और अन्य लोगों में प्रसाद बांटे और दान-दक्षिणा दें।

करें इस स्तोत्र का पाठ

अधिक लाभ प्राप्ति के लिए आप पौष पूर्णिमा के दिन लक्ष्मी जी को समर्पित कनकधारा स्त्रोत का पाठ भी कर सकते हैं। ऐसा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और साधक पर अपनी दया दृष्टि बनाए रखती हैं। जिससे धन की समस्या का सामना नहीं करना पड़ता।

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