कंस्ट्रक्शन और इंफ्रा बने NPA प्रबंधन की कमजोर कड़ी, RBI ने फंसे कर्जे को लेकर बैंकों को दिया अल्टीमेटम
आरबीआई ने अपनी ताजी रिपोर्ट में फंसे कर्जे (एनपीए-नॉन परफॉर्मिग एसेट्स) को लेकर एक तरह से बैंकों को अल्टीमेटम दे दिया है कि अगर उन्होंने सतर्कता नहीं बरती तो एनपीए का स्तर आने वाले दो वर्षों में तकरीबन दो गुना हो सकता है।
पिछले दो वर्षों से एनपीए के स्तर में लगातार गिरावट देख रहे बैंकों के लिए यह एक तरह से झटका है क्योंकि अभी सकल एनपीए का स्तर (कुल अग्रिम के मुकाबले) 2.6 फीसद पर है जो पिछले 12 वर्षों का न्यूनतम स्तर है।
एनपीए प्रबंधन की राह में कमजोर कड़ी
दरअसल, आरबीआइ ने पिछले सात तिमाहियों के दौरान बैंकों में बढ़ते-घटते एनपीए के स्तर व पुराने कर्ज को नये सिरे से चुकाने की अनुमति देने की स्थिति का आकलन करते हुए उक्त बात कही है। आरबीआई ने कंस्ट्रक्शन, इंफ्रास्ट्रक्चर, रत्न व आभूषण और खाद्य प्रसंस्करण को चार ऐसे उद्योगों के तौर पर चिन्हित किया है तो एनपीए प्रबंधन की राह में कमजोर कड़ी बने हुए हैं। दूसरी तरफ, व्यक्तिगत लोन के सेक्टर में क्रेडिट कार्ड एक ऐसा क्षेत्र है जहां इस वित्त वर्ष की पहली छमाही में एनपीए का स्तर घटने की जगह बढ़ गया है।
आरबीआई की इस रिपोर्ट के बारे में कोई बैंक अभी सीधे तौर पर तो कुछ नहीं बोल रहा है लेकिन उनके अधिकारियों का कहना है कि इसमें जो बातें कही गई हैं उसके बारे में बैंकों को पहले से पता था। आरबीआई की वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट हर छह महीने पर आती है और बैंकों को इससे काफी कुछ सीखने को मिलता है।
एनपीए का स्तर अभी भी कंस्ट्रक्शन सेक्टर में 5.6 फीसद
आरबीआई की रिपोर्ट कहती है कि सबसे ज्यादा एनपीए का स्तर अभी भी कंस्ट्रक्शन सेक्टर में 5.6 फीसद है। वैसे डेढ़ वर्ष पहले (अप्रैल, 2023 में) यह तकरीबन 12 फीसद था और उसके बाद इसमें कमी आई है लेकिन इस सेक्टर को कर्ज वितरण की रफ्तार भी काफी ज्यादा है। दूसरे स्थान पर रत्न व आभूषण सेक्टर है अभी एनपीए का स्तर 5.1 फीसद है यानी इस उद्योग को जितना कर्ज दिया गया है उसका उक्त हिस्सा फंसे कर्जे में तब्दील हो चुका है।
कर्ज वसूली को लेकर बैंकों को ज्यादा सतर्कता दिखाने की जरूरत
अधिकारियों के कोविड और उसके बाद यू्क्रेन-रूस युद्ध के बाद रत्न व आभूषण सेक्टर में एनपीए का स्तर काफी ज्यादा रहा है। तीसरे स्थान पर इंफ्रास्ट्रक्चर है जहां एनपीए का स्तर अभी भी 4.4 फीसद है जबकि खाद्य प्रंस्करण उद्योग सेक्टर में एनपीए 5.5 फीसद है। जाहिर है कि इन सेक्टरों से कर्ज वसूली को लेकर बैंकों को ज्यादा सतर्कता दिखाने की जरूरत है।
जहां तक पर्सनल लोन की बात है तो आरबीआई का डाटा यह बताता है कि क्रेडिट कार्ड पर लिये गये लोन को चुकाने के अलावा होम लोन, आटो लोन और शिक्षा लोन की स्थिति काफी हद तक अच्छी है। सरकारी बैंकों की बात करें तो सितंबर, 2024 में इनके होम लोन, आटो लोन व शिक्षा लोन में एनपीए का स्तर क्रमश: 1.1 फीसद, एक फीसद और 2.9 फीसद है लेकिन क्रेडिट कार्ड में यह 12.7 फीसद है।