अगरबत्ती जलाने पर पड़ोसियों में मारपीट, विधानसभा तक पहुंची लड़ाई, CM को देनी पड़ी सफाई
महाराष्ट्र के ठाणे जिले के कल्याण में मराठी भाषी परिवार पर हमला करने के आरोपी महाराष्ट्र सरकार के कर्मचारी ने शुक्रवार को पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। महाराष्ट्र पर्यटन विकास निगम (एमटीडीसी) के कर्मचारी अखिलेश शुक्ला (48), उनकी पत्नी गीता (45) और अन्य के खिलाफ उनके पड़ोसी पर हमले के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गई है। यह घटना 18 दिसंबर की है।
वरिष्ठ निरीक्षक अमरनाथ वाघमोड़े ने बताया कि अखिलेश शुक्ला ने खड़कपाड़ा पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। लिस ने कहा, ‘हम अन्य आरोपियों को पकड़ने का प्रयास कर रहे हैं।’ इस बीच, आत्मसमर्पण करने से पहले शुक्ला ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने दावा किया कि पीड़ितों के परिवार के सदस्यों ने उनकी पत्नी की पिटाई की।
पुलिस ने शुक्ला और उनकी पत्नी गीता तथा अन्य के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 74 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल का प्रयोग), धारा 115 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना) और धारा 351 (3) (आपराधिक धमकी) समेत प्रासंगिक धाराओं में मामला दर्ज किया है।
पुलिस के अनुसार, यह हमला 18 दिसंबर की रात करीब पौने नौ बजे किया गया तथा आरोपी और पीड़ित कल्याण में इमारत की एक ही मंजिल पर रहते हैं। प्राथमिकी के अनुसार, पीड़ित ने शुक्ला को अपने एक पड़ोसी से अगरबत्ती जलाने को लेकर झगड़ते देखा। पीड़ित ने शुक्ला से शांति बनाए रखने और पूरे मराठी भाषी समुदाय को गाली न देने और अपमानित न करने को कहा। यह सुनते ही आरोपी दंपती भड़क गए और उन्होंने आठ से दस अन्य लोगों की मदद से पीड़ित और उसकी पत्नी की पिटाई कर दी।
देखते ही देखते यह मामला मराठी औऱ गैरमराठी का बन गया और विधानसभा में भी खूब उठाला गया। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सदन में बताया था कि आरोपी के खिलाफ केस दर्ज किया गया है और अखिलेश शुक्ला को सस्पेंड कर दिया गया है। विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, मुंबई और महाराष्ट्र मराठी लोगों का कहा। अगर कोई उनके खिलाफ गलत व्यवहार करता है तो उसे सबक सिखाना ही होगा। हमारी राष्ट्रीय और प्रांतीय दोनों पहचान है।
शिवसेना यूबीटी के एमएलसी अनिल परब ने कहा कि बीजेपी सत्ता में है इसीलिए मराठियों के खिलाफ इस तरह का व्यवहार किया जा रहा है। कांग्रेस के एमएलसी बाई जगपत ने कहा, आखिर लोगों को यह सब करना की ताकत कहां से मिल रही है।