सीडीओ ने गौशालाओं का किया निरीक्षण, रजिस्टर में दर्ज संख्या से 15 गोवंश पाए गए कम

बांदा, जनपद में गौशालाओं की स्थिति का जायजा लेने के लिए अधिकारियों ने निरीक्षण अभियान तेज कर दिया है। मंगलवार को महुआ विकासखंड के रिसौरा गांव की अस्थाई गौशाला का निरीक्षण मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) वेद प्रकाश मौर्य और बीडीओ महुआ द्वारा किया गया। निरीक्षण के दौरान गौशाला की दुर्दशा सामने आई। जिससे सीडीओ ने संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों को फटकार लगाई और सुधार के निर्देश दिए।

रजिस्टर में दर्ज संख्या से 15 गौवंश कम पाए गए। पानी की चरही में कीड़े और गंदगी पाई गई, जिसके कारण गौवंशों की स्वास्थ्य स्थिति दयनीय दिखी।
भूसा चरही मानक डिजाइन के अनुसार नहीं बनाई गई थी। इसकी चौड़ाई इतनी अधिक थी कि गौवंश उसके अंदर खड़े होकर भूसा खा रहे थे।
चरही के पास अत्यधिक कीचड़ पाया गया, जबकि खड़ंजा निर्माण होना चाहिए था।गौवंशों के लिए पर्याप्त भूसा और पोषाहार की व्यवस्था नहीं थी।

सीडीओ ने निरीक्षण के दौरान पंचायत सचिव, पशु चिकित्सा अधिकारी और केयरटेकर की लापरवाही को कड़ी फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि उनकी निष्क्रियता के कारण गोवंशों की यह स्थिति बनी है। जो कि अत्यंत निंदनीय है। चरही की सफाई के लिए तत्काल केयरटेकर को लगाया गया। सारा गंदा पानी बाहर निकालने का आदेश दिया गया। खड़ंजा निर्माण के लिए योजना तैयार करने के निर्देश दिए गए।

भूसा चरही को मानक डिजाइन के अनुसार बनाने और पोषाहार की आपूर्ति सुनिश्चित करने के आदेश दिए गए। भविष्य में ऐसी स्थिति न हो, इसके लिए नियमित निरीक्षण की योजना बनाने की बात कही गई।

गौशालाओं की ऐसी स्थिति पर सीडीओ ने गंभीर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि गौवंशों की देखरेख में लापरवाही अस्वीकार्य है और संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों की जिम्मेदारी तय की जाएगी। गौशाला प्रबंधन की इस लापरवाही ने गोवंशों की दुर्दशा को उजागर किया है। अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि भविष्य में ऐसी समस्याएं न दोहराई जाएं। इसके लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे।

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