जानिए कब है साल की अंतिम अमावस्या, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

सनातन धर्म में अमावस्या तिथि पर जगत के पालनहार भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही पूर्वजों की कृपा प्राप्ति के लिए पितरों की उपासना करने का विधान है। वर्ष की अंतिम अमावस्या सोमवार के दिन पड़ रही है, तो ऐसे में इस दिन भगवन शिव की पूजा की जाएगी। ऐसी मान्यता है कि आराधना करने से जातक के जीवन में आ रहे सभी तरह के दुख और संकट दूर होते हैं। इसके अलावा पवित्र नदी में स्नान, दान और जप-तप सभी पापों से छुटकारा मिलता है। वर्ष 2024 के अंत में सोमवती अमावस्या मनाई जाएगी। ऐसे में आइए जानते हैं कि सोमवती अमावस्या की डेट, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में।

सोमवती अमावस्या 2024 डेट और टाइम

पंचांग के अनुसार, इस साल पौष माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि की शुरूआत 30 दिसंबर को सुबह 04 बजकर 01 मिनट से होगी है। वहीं, इस तिथि का समापन 31 दिसंबर को सुबह 03 बजकर 56 मिनट पर होगा। ऐसे में 30 दिसंबर को (Somvati Amavasya 2024 Kis Din Hai) सोमवती अमावस्या मनाई जाएगी।

ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 05 बजकर 24 मिनट से 06 बजकर 19 मिनट तक
विजय मुहूर्त – दोपहर 02 बजकर 07 मिनट से 02 बजकर 49 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त – शाम 05 बजकर 32 मिनट से 05 बजकर 59 मिनट तक
अमृत काल- शाम 05 बजकर 24 मिनट से 07 बजकर 02 मिनट तक

सोमवती अमावस्या पूजा विधि

सोमवती अमावस्या के दिन स्नान करने के बाद साफ वस्त्र धारण करें। इसके बाद सूर्य देव को अर्घ्य दें। दीपक जलाकर भगवान शिव, भगवान विष्णु और पितरों की पूजा-अर्चना करें। फल, फूल और धूप चढ़ाएं। देसी घी का दीपक जलाकर विधिपूर्वक आरती करें। विष्णु चालीसा का पाठ और मंत्रों का जप करें। फल, मिठाई, दूध और दही समेत आदि चीजों का भोग लगाएं। अंत में लोगों में प्रसाद का वितरण करें। इस दिन श्रद्धा अनुसार गरीब या मंदिर में अन्न, धन और गर्म वस्त्र का दान करना शुभ माना जाता है।

सोमवती अमावस्या पूजा सामग्री लिस्ट

भगवान विष्णु, मां लक्ष्मी और शिव परिवार की प्रतिमा या तस्वीर, गंगाजल, दूध, दही, शहद, देसी घी, पूजा के बर्तन, पूजा का थाल, चंदन, दीपक, धूप, फल, मौसमी फल, मिठाई, नैवेद्य आदि।

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker