मुख्यमंत्री के रूप में फडणवीस हमें स्वीकार, शिंदे गुट के सांसद का बड़ा बयान

महाराष्ट्र की राजनीतिक में इन दिनों हलचल काफी बढ़ी हुई है। नतीजे घोषित होने के बाद भी अभी तक नई सरकार को लेकर स्थिति साफ नहीं हुई है। महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री को लेकर भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना (शिंदे) के बीच पेच फंसा हुआ है। न्यूज-18 की रिपोर्ट के मुताबिक, शिंदे गुट के नेता ने एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस को राज्य का मुख्यमंत्री स्वीकार करने की बात कही है। शिंदे गुट के नेता ने साफ शब्दों में कहा है कि उनके समूह की विचारधारा उद्धव ठाकरे के शिवसेना गुट से अलग है।

शिवसेना सांसद नरेश म्हास्के ने कहा है कि अगर महायुति द्वारा ऐसा फैसला किया जाता है तो शिंदे कैंप देवेंद्र फडणवीस को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में स्वीकार करेगा। म्हास्के ने बुधवार को कहा, “हम उद्धव ठाकरे नहीं हैं जो हमें मुख्यमंत्री पद नहीं दिए जाने पर चले जाएंगे।” उन्होंने कहा, “हम महायुति द्वारा लिए गए फैसले को स्वीकार करेंगे और देवेंद्र फडणवीस को हमारे नेता के रूप में स्वीकार करेंगे।” उन्होंने कहा, “एकनाथ शिंदे नाराज नहीं हैं।”

राजनीतिक सूत्रों के अनुसार, शिंदे गुट और भाजपा के बीच मुख्यमंत्री पद पर समझौता हो सकता है। देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री और एकनाथ शिंदे को उपमुख्यमंत्री बनाने का विकल्प सामने आ सकता है। शिंदे गुट के नेता ने यह भी कहा कि वे किसी भी स्थिति में सत्ता की साझेदारी को लेकर लचीलापन दिखाने के लिए तैयार हैं, बशर्ते राज्य की जनता के हित में निर्णय लिया जाए।

इससे पहले महाराष्ट्र की एक और सहयोगी दल आरपीआई (ए) के नेता रामदास आठवले ने मंगलवार को महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री पर शीघ्र निर्णय लेने का आह्वान किया और सुझाव दिया कि मौजूदा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को केंद्रीय मंत्री के रूप में केंद्र में लाया जाना चाहिए। आठवले ने महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री के रूप में भाजपा के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस के नाम समर्थन किया और कहा कि भाजपा ने 288 में से अधिकतम सीटें जीती हैं और राज्य में मुख्यमंत्री पद पर उसका अधिकार होना चाहिए।

उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में एक अजीब स्थिति पैदा हो गई है जहां भाजपा के नेता फडणवीस को मुख्यमंत्री के रूप में चाहते हैं जबकि शिवसेना के नेता चाहते हैं कि शिंदे इस पद पर बने रहें। आठवले ने कहा कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता एवं उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने घोषणा की है कि वह मुख्यमंत्री पद की दौड़ में नहीं हैं। आठवले ने कहा, ‘‘हमें बिना किसी देरी के इस मामले को सुलझाने की जरूरत है। चुनाव के नतीजे 23 नवंबर को घोषित किए गए थे और नये मुख्यमंत्री को 26 नवंबर को संविधान दिवस पर शपथ लेनी चाहिए थी।’’

महायुति गठबंधन ने हाल में हुए विधानसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन किया। इसने 288 में से 235 सीट पर जीत दर्ज की। महायुति के घटक दलों भाजपा ने 132, शिंदे नीत शिवसेना ने 57 और अजित पवार नीत राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने 41 सीट हासिल की। गठबंधन में शामिल छोटे दलों ने पांच सीट जीतीं।

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