रिलायंस के रिफाइनिंग मार्जिन में सुधार, खुदरा कारोबार को लेकर अनिश्चितता बरकरार

नयी दिल्ली, रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) के हाल में खराब प्रदर्शन के दो कारणों में से एक-कमजोर रिफाइनिंग मार्जिन-में सुधार आया है। ब्रोकरेज कंपनी जेपी मॉर्गन ने एक रिपोर्ट में यह बात कही है। रिपोर्ट में आगे कहा गया कि दूसरे कारण-खुदरा कारोबार की कमजोर आय वृद्धि – के बारे में अनुमान लगाना मुश्किल है।

रिलायंस का शेयर आठ जुलाई के अपने उच्चतम स्तर से 22 प्रतिशत नीचे (निफ्टी 3.3 प्रतिशत नीचे) है। ऐसे बाजार में जहां ज्यादातर शेयर ऐतिहासिक मूल्यांकन से काफी ऊपर कारोबार कर रहे हैं, रिलायंस का शेयर काफी किफायती लग रहा है। अरबपति कारोबारी मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली कंपनी के तीन मुख्य कारोबार हैं-तेल शोधन और पेट्रोरसायन, खुदरा और दूरसंचार। इसमें खुदरा कारोबार और दूरसंचार कारोबार की कुल आय में लगभग 50 प्रतिशत हिस्सेदारी है।

जेपी मॉर्गन का अनुमान है कि अगले तीन वर्षों में लगभग सभी ब्याज, कर, मूल्यह्रास और परिशोधन से पूर्व की शुद्ध कमाई (एबिटा) में वृद्धि इन दोनों कारोबार से ही आएगी। रिपोर्ट में कहा गया कि जून से रिफाइनिंग मार्जिन में तेजी से गिरावट आई है, और समूह की खुदरा उपभोक्ता कंपनी (रिलायंस रिटेल) की आय वृद्धि निराशाजनक रही है। जेपी मॉर्गन के अनुसार, रिफाइनिंग मार्जिन में हाल ही में उछाल आया है। हालांकि, त्वरित वाणिज्य (क्विक कॉमर्स) के प्रभावों को देखते हुए खुदरा कारोबार को लेकर चिंता बनी हुई है।

जेपी मॉर्गन ने कहा कि रिलायंस जिन शुरुआती सौर (मॉड्यूल, सेल) क्षमताओं पर काम कर रही है, उनमें से कुछ के मार्च तक चालू होने की उम्मीद है। ब्रोकरेज कंपनी ने रिलायंस जियो और रिलायंस रिटेल को सूचीबद्ध करने के बारे में कहा कि हाल ही में बाजार की कमजोरी और इन निर्गमों के संभावित बड़े आकार के कारण, इसमें समय लग सकता है।

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