पकड़ी गई असली बोरी में नकली खाद, टीम को देखकर ऑटो ड्राइवर मौके से भागा

बांदा, उत्तर प्रदेश में खाद की भारी किल्लत के बीच बांदा जिले में खाद माफियाओं का बड़ा नेटवर्क सामने आया है। माफियाओं द्वारा असली खाद की बोरी में नकली खाद बेची जा रही थी, जिसे प्रशासन ने छापेमारी में पकड़ लिया। इस घटनाक्रम ने खाद संकट के बीच किसानों के लिए नई मुसीबत खड़ी कर दी है। उत्तर प्रदेश में खाद की किल्लत की समस्या लगातार गंभीर होती जा रही है।
कई जिलों से खाद की कमी की खबरें आ रही हैं, जिसके चलते किसान दर-दर भटकने को मजबूर हैं। लेकिन इस संकट का फायदा उठाने वाले खाद माफिया सक्रिय हो गए हैं। बांदा जिले के शहर कोतवाली क्षेत्र में खाद माफियाओं द्वारा असली बोरी में नकली खाद बेचे जाने का मामला सामने आया है। गुरुवार शाम, कृषि अधिकारी मनोज कुमार गौतम और उनकी टीम को सूचना मिली कि बाबूलाल चौराहे से एक ऑटो पर संदिग्ध खाद की बोरी ले जाई जा रही है। जैसे ही टीम ने ऑटो ड्राइवर को देखा, वह रिक्शा छोड़कर मौके से फरार हो गया। हालांकि, टीम ने मौके से खाद के सैंपल सुरक्षित कर लिए, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि खाद नकली था। इसके बाद, एसडीएम और तहसीलदार की टीम ने गोदाम पर छापेमारी की, जहां 27 बैग नकली खाद बरामद किए गए।
कृषि विभाग के अधिकारी ने बताया कि इस समय जब किसानों को खाद की सख्त जरूरत है, तब माफियाओं द्वारा नकली खाद बेचे जाने की घटना बेहद गंभीर है। खाद की बोरी में असली खाद के स्थान पर नकली और घटिया सामग्री भरकर किसानों को बेची जा रही थी। इस तरह की गतिविधियां न केवल किसानों के लिए आर्थिक संकट उत्पन्न कर रही हैं, बल्कि कृषि उत्पादन पर भी नकारात्मक असर डाल सकती हैं। गांवों में खाद की किल्लत से जूझ रहे किसान खाद माफियाओं के इस कृत्य से और अधिक परेशान हो गए हैं।
खाद माफिया इन मुश्किल समय का फायदा उठा कर किसानों को ठगने का काम कर रहे हैं, और स्थानीय प्रशासन को कई जिलों में ऐसी घटनाओं की जानकारी मिल रही है। इस खुलासे ने खाद की किल्लत के बीच माफियाओं की करतूतों को उजागर किया है, और अब प्रशासन ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई की योजना बनाई है। एसडीएम और कृषि अधिकारी ने कहा है कि जल्द ही सभी संबंधित माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, ताकि किसानों को इस संकट से राहत मिल सके।