स्वरा भास्कर का CJI चंद्रचूड़ पर साधा निशाना, कहा- भयानक फैसले का जिम्मेदार भगवान को बना दिया

मध्य सूडान के गेजिरा प्रांत की राजधानी वाड मदनी में एक मस्जिद पर हवाई हमले में 31 लोग मारे गए। एक स्थानीय गैर-सरकारी समूह ने यह जानकारी दी। वाड मदनी प्रतिरोध समिति ने मंगलवार को एक बयान में कहा, “रविवार को युद्धक विमानों ने शाम की नमाज के बाद शेख अल जेली मस्जिद और पड़ोसी इलाके अल-इम्तिदाद के आसपास के इलाकों में विस्फोटकों से बमबारी की।”

समिति ने बताया कि इस हमले में 31 लोगों की मौत हो गयी और कई अन्य घायल हो गये। इनमें से 15 शवों की पहचान कर ली गयी, जबकि अन्य अज्ञात शवों की पहचान अब भी की जा रही है। अभी तक इस घटना पर किसी भी पक्ष की ओर से कोई टिप्पणी नहीं की गई है।

गौरतलब है कि सूडानी सशस्त्र बलों (एसएएफ) के वाड मदनी से हटने के बाद दिसंबर 2023 में अर्धसैनिक रैपिड सपोर्ट फोर्स (आरएसएफ) ने गीज़ीरा प्रांत पर नियंत्रण कर लिया। गत 14 अक्टूबर को सशस्त्र संघर्ष स्थान और घटना डेटा परियोजना की एक रिपोर्ट के अनुसार संघर्ष के दौरान 24,850 से अधिक मौतें हुई हैं।

क्या बोली उद्धव सेना

पार्टी ने मुखपत्र सामना में प्रकाशित संपादकीय में लिखा, ‘…क्या न्याय कानून द्वारा, संविधान की धाराओं के अनुसार किया जाता है? जजों को अब इस बारे में अपने-अपने भगवान से ही पूछना चाहिए। चंद्रचूड़ साहब ने वो रास्ता दिखाया है। चीफ जस्टिस कहते हैं, ‘जब बाबरी केस, अयोध्या में राम मंदिर का मामला मेरे सामने आया तो मैं भगवान के सामने बैठा। मैंने भगवान से इस मामले को सुलझाने की प्रार्थना की। मैंने भगवान से कहा, ‘अब आपको ही कोई समाधान निकालना होगा।’

आगे लिखा, ‘चीफ जस्टिस किस भगवान के समक्ष प्रार्थना के लिए बैठे? विष्णु के तेरहवें अवतार या चौदहवें अवतार के सामने? समाधान के बाद अयोध्या में राम मंदिर तो खड़ा हो गया, लेकिन ये तय है कि लोकसभा चुनाव में तेरहवें अवतार से मंदिर के भगवान श्रीराम खुश नहीं हुए। कोर्ट को आस्था के मामले में नहीं पड़ना चाहिए। यहां कानून के प्रावधान अप्रभावी हो जाते हैं।’

क्या बोले थे सीजेआई

बीते सप्ताह सीजेआई चंद्रचूड़ पुणे के खेड़ तालुका में अपने पैतृक गांव कन्हेरसर पहुंचे थे। उन्होंने कहा, ‘अक्सर हमारे पास मामले (निर्णय के लिए) आते हैं, लेकिन हम समाधान पर नहीं पहुंच पाते। अयोध्या (राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद) के दौरान भी कुछ ऐसा ही हुआ था, जो तीन महीने तक मेरे सामने था। मैं ईश्वर के सामने बैठा और उनसे कहा कि उन्हें इसका समाधान ढूंढना होगा।’

उन्होंने कहा, ‘मेरा विश्वास करें, यदि आपको भरोसा है, तो ईश्वर हमेशा कोई रास्ता निकाल देंगे।’

फैसला

नवंबर 2019 को सुनाए गए फैसले के दौरान सुप्रीम कोर्ट की 5 जजों की बेंच की अगुवाई तत्कालीन सीजेआई रंजन गोगोई कर रहे थे। अदालत ने दशकों पुराने मामले पर विराम लगाते हुए राम मंदिर बनाने का फैसला सुनाया था। साथ ही अयोध्या में ही वैकल्पिक पांच एकड़ के भूखंड पर मस्जिद बनाए जाने की भी बात कही थी।

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