ग्रेटर नोएडा में 35 कॉलोनियों पर चल सकता है बुलडोजर, ध्वस्त करने का निर्देश हुआ जारी
अधिसूचित क्षेत्र में अवैध कॉलोनी को पनपने से रोकने की जिम्मेदारी से यमुना प्राधिकरण के अधिकारियों ने मुंह मोड़ लिया है। कॉलोनाइजर प्राधिकरण क्षेत्र में हावी हो चुकी हैं। अवैध कॉलोनी के खिलाफ अधिकारियों की हीला-हवाली इस हद तक है कि नगर पंचायत से नक्शा स्वीकृत कराकर अधिसूचित में काटी गई कॉलोनी को ध्वस्त तक नहीं किया गया।
कॉलोनाइजर ने कॉलोनी का गेट और दीवार का निर्माण कर अंदर प्लॉटिंग शुरू कर दी है। दनकौर नगर पंचायत ने अपनी सीमा को लांघते हुए यमुना प्राधिकरण के अधिसूचित क्षेत्र में कॉलोनी के मानचित्र को स्वीकृति दी थी। इसके लिए नगर पंचायत ने 25 लाख रुपये का शुल्क भी वसूल किया था।
कॉलोनी को ध्वस्त करने का हुआ था निर्देश
इसकी भनक लगने पर प्राधिकरण सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने लैंड विभाग को कार्रवाई करने के आदेश देते हुए कॉलोनाइजर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने, दनकौर नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन को पत्र के अलावा कॉलोनी को ध्वस्त करने के निर्देश दिए थे, लेकिन सीईओ का आदेश लैंड विभाग के लिए हवा हवाई बनकर रह गया।
लैंड विभाग ने सीईओ के आदेश कार्रवाई को लेकर एक कदम नहीं बढ़ाया है। हालांकि अधिशासी अधिकारी के स्थानांतरण हो गया है, लेकिन न तो कॉलोनाइजर के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई और न ही स्वीकृत किए गए मानचित्र को रद्द कराया गया है।
कॉलोनाइजर के लगाया गेट, बना दी चारदीवारी
प्राधिकरण के अधिकारियों की शह के बाद कॉलोनाइजर के हौंसले बुलंद हो चुके हैं। पहले बनाए गए कंक्रीट पिलर पर कॉलोनाइजर ने लोहे के गेट लगा दिया है। चारदीवारी बना दी है। गेट के अंदर परिसर में पौधे लगा दिए गए हैं और प्लाटिंग की जा रही है।
चार माह बाद भी कार्रवाई न होने से सवालों के घेरे में
विभाग सीईओ के आदेश को चार माह बीतने के बावजूद अवैध कॉलोनी के खिलाफ प्राधिकरण का बुलडोजर न चलने से विभाग के अधिकारी सवालों के घेरे में हैं। अधिकारियों के इस रवैये के कारण अधिसूचित क्षेत्र के दूसरे इलाकों में भी बड़े पैमाने पर अवैध निर्माण हो रहा है।
35 अवैध कॉलोनी ध्वस्त करने का किया गया था चिह्नित
प्राधिकरण के लोकसभा चुनाव के दौरान अधिसूचित क्षेत्र में 35 अवैध कॉलोनी को चिह्नित किया था। दावा था कि लोकसभा चुनाव के बाद पुलिस बल उपलब्ध होते ही अवैध कॉलोनी पर बुलडोजर दौड़ने लगेगा, लेकिन लोकसभा चुनाव को संपन्न हुए कई माह बीतने के बावजूद अभी तक प्राधिकरण का बुलडोजर जस का तस खड़ा है।