बांग्लादेश में अराजकता से बिहार में पुलिस अलर्ट, सीमांचल में खास निगरानी

बांग्लादेश में प्रधानमंत्री पद छोड़ चुकीं शेख हसीना के इस्तीफे की मांग को लेकर चल रहे विरोध प्रदर्शन के हिंसक और अराजक रूप ले लेने के बाद बिहार में भी पुलिस हाई अलर्ट पर है। बिहार का कोई भी जिला सीधे तौर पर बांग्लादेश की सीमा से नहीं लगता है लेकिन आम तौर पर वहां के लोग रोजी-रोजगार की तलाश में नेपाल या पश्चिम बंगाल के रास्ते बिहार में भी घुसपैठ करते रहे हैं। किशनगंज, अररिया, पूर्णिया और कटिहार के इलाकों में खास निगरानी बरती जा रही है जिसे सीमांचल के नाम से भी जाना जाता है। इन इलाकों में बांग्लादेशी घुसपैठियों की बढ़ती संख्या कई चुनावों में मुद्दा रही है।

सीमावर्ती इलाकों में बिहार पुलिस सघन जांच अभियान में जुट गई है। पुलिस मुख्यालय ने विशेष चौकसी को लेकर आदेश जारी कर दिया है। पुलिस ने आम लोगों से भी सतर्क रहने कहा है और किसी भी संदिग्ध आदमी या चीज की सूचना फौरन अपने जिले के पुलिस अधीक्षक (एसपी) को देने की अपील की है। आम लोगों को 112 नंबर या 14432 नंबर पर इस तरह की सूचना देने कहा गया है जो टॉल फ्री नंबर है। 

बिहार के अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) जेएस गंगवार ने कहा कि सीमावर्ती जिलों को अलर्ट रहने कहा गया है। उन्होंने कहा कि राज्य पुलिस को केंद्रीय सुरक्षा बलों के साथ तालमेल बिठाकर इलाके की सघन निगरानी करने कहा गया है। 

बांग्लादेश के स्वतंत्रता सेनानियों के परिजनों के लिए नौकरी में एक तिहाई आरक्षण के खिलाफ एक महीने से भी ज्यादा समय से चल रहे आंदोलन में अब तक 300 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। रविवार को 90 से ज्यादा लोग मारे गए जिसमें कई सुरक्षाकर्मी भी शामिल हैं। इसके बाद सोमवार को सेना की सलाह पर शेख हसीना ने इस्तीफा दे दिया और भारत चली गईं जहां से वो आगे कहां जाएंगे, इस पर फैसला होना बाकी है। सेना अंतरिम सरकार के गठन की कोशिश कर रही है लेकिन इस बीच देश भर में शेख हसीना की पार्टी के नेताओं, दफ्तरों और अल्पसंख्यकों (हिन्दू और ईसाई) के खिलाफ हिंसा की खबरें आ रही हैं।

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