उत्तराखंड में फिटनेस केंद्र पर उगाही का खेल उजागर, सरकारी शुल्क 2100, मगर लिए साढ़े 13 हजार

बुधवार को रामपुर रोड स्थित फिटनेस केंद्र पर हुए बवाल के बाद गुरुवार दोपहर कमिश्नर दीपक रावत छापेमारी को पहुंच गए। परिसर के हर हिस्से का जायजा लेने के साथ उन्होंने वाहनस्वामी, केंद्र कर्मचारी से लेकर परिवहन विभाग के अधिकारियों से भी पूछताछ की। इस दौरान पीड़ित वाहनस्वामी भी सामने आ गए।

एक ने बताया कि फिटनेस के नाम पर 2100 रुपये की सरकारी रसीद दी गई, लेकिन दलाल के माध्यम से साढ़े 13 हजार रुपये चुकाने पड़े। ये जान कमिश्नर भी हैरान हो गए। इस पर उन्होंने लोगों से खुलकर बात रखने को कहा तो कई उदाहरण और सामने आ गए।

इसके बाद नाराज आयुक्त ने भी साफ कहा कि निजी फिटनेस केंद्र में पारदर्शिता नाम की कोई चीज नहीं है। मामले में आरटीओ से स्पष्टीकरण मांगने के साथ एक माह की कैमरा रिकार्डिंग देने के लिए कहा गया है, ताकि उगाही करने वालों के विरुद्ध प्राथमिकी भी दर्ज हो सके।

विवाद थम नहीं रहे

वाहनों की फिटनेस का काम निजी कंपनी को सौंपने के बाद से विवाद थम नहीं रहे। बुधवार दोपहर शिवराज बिष्ट और विक्रम नाम के दो भाई यहां गाड़ी की फिटेनस जांच के लिए पहुंचे थे। वाहन को फेल करने की बात को लेकर विवाद हुआ तो दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए। इसका वीडियो भी प्रसारित हुआ, जिसमें स्थानीय कर्मचारी वाहनस्वामी को खींचते हुए दिखाई दिए। दबंगई दिखाते हुए चैनल बंदकर बंधक तक बना लिया।

बाद में ट्रांसपोर्ट कारोबारियों और वाहनस्वामियों के समर्थन में आने पर पीड़ित को बाहर निकाला गया। यह मामला कमिश्नर तक पहुंचता तो गुरुवार को उन्होंने यहां छापा मार दिया, जिसके बाद तमाम कमियां उजागर हो गईं। उगाही के खेल को लेकर कई लोगों ने शिकायत करते हुए कहा कि बुकिंग काउंटर पर पैसे जमा करने के बाद अतिरिक्त पैसों की मांग की जाती है।

ये सुनकर आयुक्त ने सेंटर मैनेजर अनुज को फटकार लगाते हुए कहा कि आगे इस तरह के मामले सामने आने पर सीधा प्राथमिकी दर्ज की जाएगी। इसके अलावा परिसर के जिस-जिस हिस्से में कर्मचारी घूमते हैं। वहां सामान्य नहीं, बल्कि वाइस रिकार्डिंग कैमरे लगने चाहिए, ताकि असलियत का पता चल सके। रेट लिस्ट संग भ्रष्टाचार मुक्ति को जारी नंबर 1064 के बोर्ड भी लगाने को भी कहा।

पीड़ितों ने कमिश्नर को क्या बताया

  • वाहनस्वामी ललित पाठक ने कहा कि तीन माह पूर्व फिटनेस के नाम पर उससे 3500 रुपये वसूले गए।
  • वाहनस्वामी नवीन उप्रेती के अनुसार, उन्हें 2100 की रसीद दी गई, लेकिन साढ़े 13 हजार वसूले गए।
  • गाड़ी मालिक किशोर कोश्यारी के अनुसार फिटनेस में फेल करने का डर दिखाकर उनसे भी साढ़े 13 हजार लिए गए।

पंप वाला दो रुपये की फोटोकापी के 10 वसूल रहा था

फिटनेस सेंटर में फोटोकापी की सुविधा न होने पर वाहनस्वामियों को हाईवे से सटे एचएस फिलिंग स्टेशन जाना पड़ता है। छापेमारी के दौरान कमिश्नर को पता चला कि दो रुपये के बजाय प्रति कापी दस रुपये वसूले जा रहे थे, जिसके बाद आयुक्त ने पंप पहुंचकर तीन लोगों के पैसे वापस दिलवाए। इसके अलावा पूर्ति अधिकारी और अग्निशमन विभाग को पंप की जांच के निर्देश भी दिए।

दलाल सड़क पर रोककर कहते हैं हम ही करवाएंगे फिटनेस

वाहनस्वामियों के अनुसार, फिटनेस केंद्र के बाहर ही दलाल चालक को रोक लेते हैं। इसके बाद अतिरिक्त पैसे देने पर समय पर काम करवाने की बात कहते हैं। बार-बार वाहन के रिजेक्ट होने के चक्कर में लोग इनके झांसे में आ जाते हैं। कमिश्नर ने मौके से एक दलाल का नंबर भी मिलवाया।

ट्रू कालर में नाम खड़क सिंह आया, मगर फोन नहीं मिला। वहीं, हर किसी की जुबान पर सरदार नाम के व्यक्ति का भी नाम खूब सुनने को मिला। सीसीटीवी कैमरों की रिकार्डिंग से दलालों का पता चल सकता है।

सर, इस कमरे में ले जाकर मुझसे 3500 लिए

कमिश्नर के पहुंचने पर सामने आए गाड़ी मालिक ललित ने बताया कि परिसर के एक कमरे में उसे ले जाया गया था। जहां 3500 रुपये लिए गए। इसके बाद कमिश्नर उस कमरे में भी पहुंचे। यहां सीसीटीवी कैमरे भी नहीं लगे थे।

आरटीओ ने कंपनी को पत्र भेज पुरानी बातें याद दिलवाई

कमिश्नर की छापेमारी के बाद आरटीओ प्रशासन संदीप सैनी ने प्रणाम आटो फिटनेस प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंधक को पत्र भेजकर कहा कि वाहनस्वामियों ने अतिरिक्त शुल्क वसूलने की बात कही है। इसलिए रेट लिस्ट चस्पा करें। गाड़ी संग एक व्यक्ति को मय मोबाइल अंदर जाने देना होगा।

वाहनस्वामियों ने दलाली को लेकर जिस व्यक्ति का बार-बार नाम लिया है, उसे लेकर लिखित स्पष्टीकरण देना होगा। इसके अलावा प्रबंधक कक्ष, सुरक्षा गार्ड कक्ष, जनरेटर रूम समेत अन्य जगहों पर वाइस कैमरे लगने चाहिए। हालांकि, जनवरी में भी विभाग ने पत्र भेजकर कंपनी को चेतावनी दी थी, मगर शासनस्तर से टेंडर हासिल करने की वजह से असर नहीं पड़ा।

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