अनवर ढेबर के फार्महाउस से मिले अधजले होलोग्राम, तीन गिरफ्तार, शराब घोटाले में NCB का एक्शन

छत्तीसगढ़ भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) को कथित शराब घोटाले के सिलसिले में बड़ी कामयाबी मिली है। एसीबी ने आरोपी अनवर ढेबर के ठिकाने से अधजले नकली होलोग्राम का जखीरा जब्त किया है। वहीं इस सिलसिले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इसकी जानकारी शुक्रवार को एक  अधिकारी ने दी। अनवर ढेबर कांग्रेस नेता और रायपुर मेयर एजाज ढेबर के बड़े भाई हैं। वे कथित शराब घोटाले के मुख्य आरोपियों में से भी एक हैं।

अधिकारी ने बताया कि गिरफ्तार किए गए अन्य तीन लोगों के नाम- अनुराग द्विवेदी, अमित सिंह और दीपक दुआरी हैं। एसीबी की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया है, ‘आरोपियों ने प्रवर्तन निदेशालय द्वारा परिसर में छापेमारी के डर से रायपुर के एक फार्महाउस में अनवर ढेबर और अरविंद सिंह के निर्देश पर कुछ डुप्लीकेट होलोग्राम जलाए थे। ईडी राज्य में पिछली कांग्रेस सरकार के तहत 2019 से 2022 के बीच हुए कथित शराब घोटाले की जांच कर रही है।’

स्टेट एसीबी ने ईडी की रिपोर्ट के आधार पर भारतीय दंड संहिता और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत इस साल जनवरी में दर्ज एफआईआर में कई कांग्रेस नेताओं और फर्मों पर केस किया है। यह नकली होलोग्राम कथित तौर पर उत्तर प्रदेश के नोएडा की एक फर्म में बनाए गए थे। अनवर ढेबर और एक अन्य व्यक्ति को पिछले महीने यूपी पुलिस ने गिरफ्तार किया था और वे फिलहाल जेल में हैं। बुधवार को एसीबी ने शराब घोटाले को लेकर दाखिल चार्जशीट में दावा किया कि शराब सिंडिकेट को फरवरी 2019 से 2023 तक कमीशन के रूप में लगभग 1660 करोड़ रुपये की अवैध राशि मिली। यह राशि शराब दरों में बढ़ोतरी के लिए देशी शराब भट्टियों के मालिकों से मिली थी।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की शिकायत पर एसीबी ने इस साल जनवरी में एफआईआर दर्ज की थी। एसीबी ने मंगलवार को घोटाले को लेकर चार्जशीट दाखिल की, जिसमें अरुणपति त्रिपाठी, अरविंद सिंह, अनवर ढेबर और त्रिलोक सिंह ढिल्लों उर्फ ​​पप्पू ढिल्लों को मामले में आरोपी बनाया गया है। एफआईआर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988/संशोधित अधिनियम 2018 और भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 467, 468, 471, 120बी के तहत दर्ज की गई है।

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