अमेरिका की ‘ट्रेड स्ट्राइक’ के बाद अब G-7 से चीन को चेतावनी, पढ़ें पूरी खबर….

काफी समय से चले आ रहे तनातनी के बाद अब वैश्विक प्रणाली में भागीदारी को लेकर G-7 ने चीन पर हमला बोला है। इन देशों के शीर्ष व्यापार प्रमुखों ने एकजुटता दिखाई है और साथ ही चीन की नीतियों की  आलोचना भी की है। G-7 ने चीन की गैर-बाजार नीतियों से अर्थव्यवस्थाओं पर असर पड़ने को लेकर चिंता व्यक्त किया है और जवाबी कदम उठाने की चेतावनी भी दी है। दुनिया के प्रमुख सात देश के मंत्री और केंद्रीय बैंकर शनिवार को इटली के स्ट्रेसा में एक समारोह में एकत्रित हुए थे। इस मीटिंग के अंत में एक विज्ञप्ति भी जारी की गई, जिसमें चीन पर अपने ट्रेड पार्टनर्स की अर्थव्यवस्थाओं को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया गया।

इसमें साफ शब्दों में चीन की निंदा की गई है, “संतुलित और पारस्परिक सहयोग में अपनी रुचि की पुष्टि करते हुए, हम चीन की गैर-बाजार नीतियों और प्रथाओं के व्यापक उपयोग के बारे में चिंता व्यक्त करते हैं, जो हमारे श्रमिकों, उद्योगों और आर्थिक लचीलेपन को कमजोर करते हैं। हम आत्याधिक क्षमता से होने वाले संभावित नकारात्मक प्रभावों की निगरानी करना जारी रखेंगे और समान अवसर सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने पर विचार करेंगे।” यह चेतावनी पिछले हफ्ते अमेरिका के चीनी आयात पर भारी प्रवेश शुल्क लगाने के कुछ ही दिनों बाद जारी की गई है। बाइडेन की सरकार ने बीते दिनों चीन से आने वाले इलेक्ट्रिक कार, बैटरी, स्टील, सोलर पैनल और कंप्यूटर चिप्स जैसी चीजों पर प्रवेश शुल्क कई गुणा बढ़ा दिया था।

अमेरिका चीन पर काफी समय से दबाव बनाने में कोशिश कर रहा है। इससे पहले बीते दिनों, ट्रेजरी सेक्रेटरी जेनेट येलेन ने कहा था कि जर्मनी, फ्रांस और यूरोपीय संघ के जी -7 प्रतिभागियों के पास भी चीन को लेकर कई शिकायतें हैं। फ़्रांसीसी वित्त मंत्री ब्रूनो ले मायेर भी इस समारोह में शामिल थे और इस मामले में चीन के रवैए को लेकर एकजुट दिखे। G-7 दुनिया की सात बड़ी अर्थव्यवस्थाओं का एक समूह है। इसमें अमेरिका, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान और यूनाइटेड किंगडम शामिल हैं। 

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