झुलसती गर्मी में पावर-कट से और निकलेगा पसीना, उत्तराखंड में बिजली डिमांड के बने रिकॉर्ड

उत्तराखंड में झुलसती गर्मी के बीच पावर कट से लोगों का और पसीना निकलने की आशंका है। गर्मी के बीच पावर कट लोगों को काफी परेशान कर रहा है। उत्तराखंड में पहली बार बिजली की प्रस्तावित डिमांड 59 मिलियन यूनिट के पार पहुंच गई है।

शनिवार के लिए बिजली की मांग 59.4 एमयू आंकी गई। अभी तक सर्वोच्च मांग 57.9 एमयू शुक्रवार के लिए आंकी गई थी। मौजूदा समय में राज्य में बिजली उत्पादन 17.84 एमयू के पास पहुंचने के बाद भी मांग से बेहद दूर है। ऐसे में शनिवार को रात के समय पीक आवर्स में ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली कटौती की आशंका बनी हुई है।

ऊर्जा निगम ने शुक्रवार शाम शनिवार के लिए बिजली की प्रस्तावित मांग का ब्योरा जारी किया। शनिवार के लिए बिजली की मांग 59.4 एमयू आते ही ऊर्जा निगम मैनेजमेंट की परेशानी बढ़ गई। तमाम स्रोतों से बिजली जुटाते हुए उपलब्धता को 50.40 एमयू तक पहुंचाया गया। कमी को पूरा करने को एनर्जी एक्सचेंज से 7.61 एमयू बिजली जुटाई गई। शेष 1.45 एमयू बिजली को रियल टाइम मार्केट से जुटाया जाएगा।

ऊर्जा निगम के लिए सबसे मुश्किल रात आठ बजे से रात दो बजे के बीच बाजार से बिजली जुटाना बना हुआ है। इस पीक आवर्स में बिजली के दाम किसी भी तरह 12 रुपये प्रति यूनिट से कम नहीं हो रहे हैं। इस रेट पर बिजली खरीदने में निगम के पसीने छूट रहे हैं।

ऐसे में शनिवार को रात के समय कुछ क्षेत्रों में बिजली जाने की आशंका बनी हुई है। निदेशक कॉमर्शियल अजय अग्रवाल ने बताया कि बिजली की मांग इस बार लगातार तेजी से बढ़ती जा रही है। इस मांग को भी पूरा करने में यूपीसीएल सफल हो रहा है। पूरा प्रयास किया जा रहा है कि किसी भी तरह आम जनता को बिजली की कटौती का सामना न करना पड़े।

अब मौसम पर नजर
ऊर्जा निगम की नजर मौसम पर बनी हुई है। बारिश, अंधड़ की स्थिति में ही बिजली की डिमांड टूट सकती है। यदि बारिश की बजाय गर्मी और प्रचंड रही, तो ये मांग और भी बढ़ सकती है। ऊर्जा निगम बिजली की इस डिमांड का आंकलन मौसम विभाग की रिपोर्ट के आधार पर करता है। गर्मी बढ़ने पर मांग को उसी अनुपात में बढ़ाया जाता है।

ऐसे बढ़ती गई मांग
तारीख मांग
19 मई 52.66
20 मई 56.32
21 मई 56.56
22 मई 56.80
23 मई 57.5
24 मई 57.9
(नोट मांग मिलियन यूनिट में)

उत्तरी हरिद्वार में सात घंटे रही बिजली गुल

हरिद्वार के शहरी क्षेत्र में करीब चार लाख की आबादी अघोषित बिजली कटौती से परेशान रही। गुरुवार की रात उत्तरी हरिद्वार के कई इलाकों पूरी रात बिजली गुल रही, जबकि कनखल, मध्य हरिद्वार, ऋषिकुल और ज्वालापुर में दो घंटे रात को बिजली कटौती की गई। इधर, ऊर्जा निगम ने चीला पावर हाउस बंद होने की वजह से बिजली की किल्लत होने की बात कही है।

इन दिनों पारा लगातार चढ़ रहा है। अघोषित बिजली कटौती से लोग परेशान है। हालांकि, शहरी क्षेत्र में घोषित रोस्टिंग नहीं की जा रही है। लेकिन ऊर्जा निगम पिछले तीन चार दिनों से रात के समय ज्वालापुर, गुरुकुल, कनखल आदि क्षेत्र में एक फेस की बिजली सप्लाई दो घंटे तक बंद कर देता है।

इस कारण इन क्षेत्रों के आधे मकानों में बिजली गुल हो रही है। गुरुवार रात एक समय पूरे शहर की बिजली गुल हो गई। रात 12 बजे पूरे शहर में ही बिजली नहीं थी। जबकि अलग अलग क्षेत्रों में अलग अलग समय पर बिजली गई। जिससे दिक्कत उठानी पड़ी।

एक मिनट में फ्यूज उड़ गया :ऋषिकुल में रात दस से 12 बजे बिजली आई, लेकिन कुछ देर में चली गई। इसके बाद डेढ़ बजे आई। ज्वालापुर में 12 बजे बिजली गई, जो डेढ़ बजे आई। कनखल में 11 बजे बिजली गई। सबसे अधिक उत्तरी हरिद्वार के खड़खड़ी, सूखी नदी, कैलाश गली, बसंत गली, कुंज गली, श्मशान घाट रोड में नौ बजे बिजली गई जो रात को तीन बजे आई।

खड़खड़ी से लगते हुए इलाके रामगढ़, नई बस्ती, गंगाधर महादेव नगर, गौसाईं गली में रात 12 बजे से सुबह सात बजे बिजली नहीं आई। रात को तीन बजे ऊर्जा निगम के कर्मचारियों ने रेलवे फाटक पर लगे ट्रांसफार्मर पर फ्यूज लगाई, लेकिन एक ही मिनट में फ्यूज उड़ गया। सुबह सात बजे दोबारा बिजली आई।

यात्रियों ने किराया कम करने को कहा :गुरुवार को बुद्ध पूर्णिमा का स्नान होने के कारण काफी संख्या में यात्री उत्तरी हरिद्वार में रुके थे, क्योंकि हरकी पैड़ी से उत्तरी हरिद्वार करीब है। ऐसे में होटल में बिजली न आने के कारण ऐसी नहीं चल सका।

यात्रियों ने सुबह कमरे में पैसे देने में भी आपत्ति की। महाराष्ट्र के ठाणे से आए यात्री संजय ने बताया कि तीन हजार रुपये में ऐसी कमरा लिया है, जब रात में ऐसी ही नहीं चला तो रुपये कम करने चाहिए। होटल संचालक ने 500 रुपये कम किए। जिसके बाद यात्री ने भुगतान किया।

131 फोन का नहीं आया जवाब

रात को जब बिजली गई तो उत्तरी हरिद्वार में लोगों ने अधिकारियों को फोन करने शुरू किए। जिस पर कोई जवाब नहीं आया, बिजली घर में कर्मचारी ने फोन उठाया, बिजली क्यों गई है, इसका उनके पास जवाब नहीं था। नई बस्ती निवासी शुभम ने बताया कि उन्होंने अपने परिवार के मोबाइल नंबरों से जेई, एसओ, ईई और एसई के सरकारी नंबरों पर 131 बार फोन किया, लेकिन किसी ने कोई जवाब नहीं दिया। फोन न उठाने की शिकायत की।

सोशल मीडिया पर भड़ास

रात को पूरे शहर की बिजली गुल होने पर लोगों ने सोशल मीडिया पर जमकर भड़ास निकाली। जनप्रतिनिधियों को लेकर भी तरह तरह के कटाक्ष किए गए। वहीं, ऊर्जा निगम के अधीक्षण अभियंता ने लोगों की बिजली कटौती के दौरान निगम का सहयोग करने की अपील की है। साथ ही कटौती के दौरान बिजली की वैकल्पिक व्यवस्था भी अपने स्तर से करने का आग्रह किया है।

चील पावर हाउस बंद होने की वजह से बिजली की किल्लत बन गई है। पावर हाउस से बिजली की सप्लाई बंद होने के कारण उत्तरी हरिद्वार और मध्य हरिद्वार में बिजली की आपूर्ति ठप रही।

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