अनाज का बफर स्टॉक 600 लाख टन के पार, खाद्यान्न वितरण के लिए चावल एवं गेहूं का पर्याप्त भंडारण

न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदारी का आंकड़ा पिछले वर्ष को पार कर गया है। केंद्र सरकार ने किसानों से अभी तक 262.48 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीदारी कर ली है, जो पिछले वर्ष की तुलना में अधिक है। सबसे ज्यादा पंजाब, हरियाणा और मध्य प्रदेश से गेहूं की खरीदारी हुई है।

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत खाद्यान्न वितरण के लिए बफर स्टॉक में चावल एवं गेहूं का पर्याप्त भंडारण हो चुका है। दोनों अनाजों का संयुक्त स्टॉक 600 लाख टन से अधिक हो गया है। गेहूं की खरीदारी अभी भी जारी है। कुछ राज्यों में जून महीने तक खरीदारी होती रहेगी। चालू वर्ष 2024-25 के लिए गेहूं खरीद का लक्ष्य 320 लाख टन निर्धारित किया गया है। साथ ही बफर स्टॉक के लिए चावल की भी खरीदारी की जा रही है।

खरीफ सीजन 2023-24 के दौरान अभी तक 98.26 लाख किसानों से सीधे 489.15 लाख टन चावल के बराबर 728.42 लाख टन धान की खरीदारी की गई है और उन्हें लगभग एक लाख 60 हजार 472 करोड़ का न्यूनतम समर्थन मूल्य दिया गया है।

उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय की ओर से शुक्रवार को जारी आंकड़े में बताया गया है कि गेहूं खरीद के जरिए 22 लाख 31 हजार किसानों को 59 हजार 715 करोड़ रुपये का न्यूनतम समर्थन मूल्य दिया गया है। पिछले वर्ष केंद्रीय पूल के लिए कुल 262.02 लाख टन गेहूं की खरीदारी हुई थी। सामान्य तौर पर गेहूं की खरीद अप्रैल से मई के बीच होती है, लेकिन केंद्र सरकार ने इस वर्ष राज्यों को फसल की आवक के आधार पर खरीदारी की अनुमति दी है।

पंजाब-हरियाणा समेत राज्यों में खरीदारी मार्च के प्रारंभ से होने लगी थी। इस बार भी बिहार में फिसड्डी है। सबसे ज्यादा पंजाब में 124.26 लाख टन गेहूं खरीदा गया है। इसके बाद हरियाणा का स्थान है, जहां से 71.49 लाख टन तथा मध्य प्रदेश से 47.78 लाख टन गेहूं की खरीदारी हुई है। इसी तरह राजस्थान में 9.66 लाख टन और उत्तर प्रदेश में 9.07 लाख टन गेहूं की खरीदारी हो चुकी है।

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