पुणे पोर्श क्रैश मामले में बड़ा ट्विस्ट, आरोपी ने कहा- फैमिली ड्राइवर चला रहा था कार

पुणे में पोर्श क्रैश मामले में एक बड़ा ट्विस्ट सामने आ गया है। 17 साल के आरोपी ने दावा किया है कि दुर्घटना के वक्त वह कार नहीं चला रहा था बल्कि फैमिली ड्राइवर चला रहा था। दुर्घटना के वक्त आरोपी के साथ मौजूद उसके साथियों ने भी इस दावे का समर्थन किया है। बता दें कि नाबालिग आरोपी रियल एस्टेट डिवेलपर विशाल अग्रवाल का बेटा है। पुणे के कल्याणी नगर में तेज रफ्तार कार से बाइकसवार दो इंजीनियरों को कुचल दिया गया था। दोनों की मौके पर ही मौत हो गई थी। 

पुलिस का कहना है कि नाबालिग आरोपी नशे में धुत्त 2.5 करोड़ की सुपरकार ड्राइव कर रहा था। एक दिन पहले ही पुणे की कोर्ट ने आरोपी की जमानत कैंसल कर दी और उसे 5 जून तक के लिए हिरासत में भेज दिया गया। मामला तब ज्यादा चर्चा में आया जब जुवेनाइल बोर्ड ने आरोपी को 300 शब्दों का निबंध लिखकर और 7500 रुपये के दो बॉन्ड भरकर जमानत देने के आदेश दे दिया था। हालांकि वंचित बहुजन अघाड़ी पार्टी के चीफ प्रकाश आंबेडकर ने इस मामले में सवाल खड़े कर दिए। 

वहीं मामले में ट्विस्ट आने के बाद पुलिस फैमिली ड्राइवर से भी पूछताछ कर रही है। उसने अपने पहले बयान में ही कहा था कि दुर्घटना के वक्त वह ही कार चला रहा था। विशाल अग्रवाल ने भी दावा किया था कि उन्होंने ही ड्राइवर को काम पर रखा था। विशाल अग्रवाल का मोबाइल फोन भी जब्त कर लिया गाय है और घटना से संबंधित जानकारी जुटाने की कोशिश की जा रही है। 

पुणे क्राइम ब्रांच ने आरोपी नाबालिग के दादा सुरेंद्र अग्रवाल से भी पूछताछ की। पुलिस ने सुरेंद्र अग्रवाल से उनके बेटे और पोते के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए पूछताछ की। बता दें कि फिलहाल लड़के पर नशे में गाड़ी चलाने का आरोप है  जिसके लिए उसे 6 महीने की जेल और 10 हजार रुपये का जुर्माना हो सकता है। वहीं अगर किशोर को वयस्क मानकर मुकदमा चलाया जाता है तो उसपर गैर इरादतन हत्या का मुकदमा चलेगा। 

किशोर न्याय बोर्ड में नाबालिग की ओर से  पैरवी करने वाले ऐडवोकेट प्रशांत पाटिल का कहा है कि किसी को वयस्क माना जाए या नहीं यह तय करने में भी दो महीने का वक्त लग सकता है। इसमें मनोचिकित्सकों, परामर्श दाताओं समेत कई रिपोर्ट लगाई जाती हैं। 

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